BJP President Election- बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन में देरी, बगावत और संगठनात्मक चुनौतियां बढ़ीं

BJP President Election/भारतीय जनता पार्टी (BJP) हमेशा चुनावी तैयारियों में अपनी तेजी के लिए जानी जाती है, लेकिन इस बार राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन को लेकर पार्टी की सुस्ती चर्चा का विषय बनी हुई है।
BJP President Election/माना जा रहा था कि फरवरी या मार्च तक नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा हो जाएगी, लेकिन अब इसमें और देरी होने की संभावना है। संगठनात्मक चुनावों की धीमी प्रगति के चलते अध्यक्ष पद के चुनाव में कम से कम एक और महीने का वक्त लग सकता है।
बीजेपी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले आधे राज्यों यानी कम से कम 18 प्रदेशों में अध्यक्षों का चयन होना जरूरी है।
BJP President Election/इसके अलावा, बूथ, मंडल और जिला स्तर के चुनाव भी पूरे होने चाहिए। उम्मीद थी कि यह प्रक्रिया 15 जनवरी तक पूरी हो जाएगी, लेकिन यह अब तक लंबित है। पार्टी के अंदर यह परंपरा रही है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए भी सर्वसम्मति बनाई जाती है। लेकिन जिस गति से संगठन चुनाव हो रहे हैं, उसे देखते हुए यह तय माना जा रहा है कि नए अध्यक्ष के चुनाव में अभी और समय लगेगा।
BJP President Election/वर्तमान में जेपी नड्डा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। वह 2019 में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बने थे और 2020 में सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए। हालांकि, इस बार नए अध्यक्ष के नाम को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई है, जिससे चुनाव प्रक्रिया में देरी हो रही है।
BJP President Election/बीजेपी के संगठनात्मक चुनावों की धीमी गति ने कई राज्यों में असंतोष को जन्म दिया है। झारखंड में बूथ स्तर के चुनाव पूरे हो चुके हैं, लेकिन मंडल चुनाव अब तक शुरू नहीं हुए हैं। ओडिशा में जिला कमेटियों के चुनाव हो चुके हैं, लेकिन 29 जनवरी के बाद से केंद्रीय नेतृत्व की ओर से आगे की प्रक्रिया को लेकर कोई निर्देश नहीं आया है।
मध्य प्रदेश में भी स्थिति कुछ ऐसी ही है, जहां बूथ, मंडल और जिला स्तर के चुनाव पूरे हो चुके हैं, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष के चयन को लेकर कोई प्रगति नहीं हुई है।
बीजेपी में आम सहमति से अध्यक्ष पद के चुनाव कराए जाने की परंपरा के बावजूद राजस्थान, कर्नाटक और हरियाणा में संगठन के भीतर विरोध के स्वर तेज हो गए हैं। कर्नाटक में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र के खिलाफ विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। हरियाणा में कैबिनेट मंत्री अनिल विज प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की खुलकर आलोचना कर रहे हैं। राजस्थान में भी पार्टी के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा पार्टी नेतृत्व से नाराज बताए जा रहे हैं।
मध्य प्रदेश के एक वरिष्ठ बीजेपी नेता का कहना है कि दिल्ली चुनाव के चलते संगठनात्मक चुनावों में देरी हुई। लेकिन दिल्ली में बीजेपी की जीत के बाद भी संगठन के चुनावों में तेजी नहीं आई, जिससे नए अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में देरी का सीधा असर पार्टी की आगामी रणनीतियों पर पड़ सकता है। 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद बीजेपी को कई राज्यों में विधानसभा चुनावों का सामना करना है, जहां संगठन की मजबूती बेहद अहम होगी। यदि पार्टी जल्द ही नए अध्यक्ष के नाम पर सहमति नहीं बना पाती, तो इससे कार्यकर्ताओं में असमंजस और असंतोष बढ़ सकता है।