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अपोलो और विवादास्पद डॉक्टर नेरन्द्र कैंम पर अपराध दर्ज…पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के पुत्र ने कराया FIR…हत्या का आरोप
पुलिस ने अपोलो प्रबंधन के खिलाफ दर्ज किया अपराध

बिलासपुर—सरकन्डा पुलिस ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और अविभाज्य मध्यप्रदेश के धाकड़ नेता राजेन्द्र शुक्ल की अपोलो में इलाज के दौरान हुई मौत मामले में हत्या का अपराध दर्ज किया है। पुलिस ने राजेन्द्र शुक्ला के पुत्र डा० प्रदीप शुक्ला की लिखित शिकायत पर अपोलो प्रबंधन और फर्जी डॉ. नरेन्द्र विक्रमादित्य यादव उर्फ़ डॉ. नरेन्द्र जैम कैम के खिलाफ जुर्म दर्ज किया है। जानकारी देते चलें कि हृदय रोग की शिकायत पर 21 जुलाई 2006 को राजेन्द्र शुक्ला को अपोलो में भर्ती किया गया था। 20 अगस्त को ईलाज के दौरान मौत हो गयी। डॉ.प्रदीप शुक्ला ने पुलिस को किए शिकायत में बताया है कि पिता का ईलाज तत्कालीन समय अपोलो में पदस्थ कार्डियोलाजिस्ट डॉ. नरेन्द्र जान कैम ने किया। हाल फिलहाल दमोह पुलिस ने डाक्टर को गिरफ्तार कर खुलासा किया है कि आरोपी के पास डाक्टर की डिग्री नहीं है। फर्जीवाड़ा कर दमोह मिशन अस्पताल में नौकरी के दौरान हार्ट आपरेशन किया। इसमें सात लोगों की मौत हो गयी है। सरकन्डा थाना को दिए अपनी शिकायत में डॉ.प्रदीप शुक्ला ने बताया है कि स्व. राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला के मौत पर डा. नरेन्द्र विक्रमादित्य यादव और अपोलो अस्पताल प्रबंधन लीपापोती कर मामले को दबा रहा है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राजेन्द्र शुक्ला के पुत्र डॉ.प्रदीप शुक्ला ने सरकन्डा थाना पहुंचकर बताया कि 8 अप्रैल 2025 को समाचार पत्रो से जानकारी मिली है कि पूर्व में अपोलो अस्पताल में पदस्थ डा. नरेन्द्र विक्रमादित्य यादव को दमोह पुलिस ने गिरफ्तार किया है। डॉ नरेन्द्र मिशन अस्पताल दमोह में पदस्थ था। उसने हार्ट के सात मरीजों का आपरेशन किया। सभी की मौत हो गयी है। दमोह पुलिस के अनुसार डा. नरेन्द्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेन्द्र जान केम के पास हृदय रोग विशेषज्ञ की फर्जी डिग्री पायी गयी है।
20 अगस्त को पूर्व विधानसभा अध्यक्ष की मौत
डॉ. प्रदीप शुक्ला ने जानकारी दी कि साल 2006 में हार्ट अटैक की शिकायत पर उनके पिता को अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया। पिता का इलाज तत्कालीन समय अपोलो में पदस्थ फर्जी डाक्टर नरेन्द्र जान कैम ने किया है। राजेन्द्र शुक्ला को 21 जुलाई 2006 को भर्ती किया गया था। बताया गया कि उनका नेफ्रोलाजी, कार्डियोलाजी, गेस्ट्रोइंट्रोलाजी, यूरोलाजी, इंटर्नल मेडिसीन डिपार्टमेंट से उपचार किया जा रहा है। अन्ततः उपचार के दौरान 20 अगस्त को डॉ. राजेन्द्र शुक्ल की मौत हो गयी। डा० नरेन्द्र विक्रमादित्य यादव 1 जून 2006 से 31 मार्च 2007 तक पदस्थ था।
सोशल साइट्स में फर्जी डिग्री का पहाड़
डा.प्रदीप शुक्ला के अनुसार मांगे जाने पर अपोलो प्रबंधन ने डॉ नरेन्द्र विक्रमादित्य यादव का नियुक्ति पत्र तो दिया है। लेकिन डॉ. की योग्यता को लेकर अभी तक किसी प्रकार का दस्तावेज नही दिया है। यद्यपि डॉ कैम ने सोशल साइट्स में अपनी डिग्रियों को लेकर लम्बी चौड़ी जानकारी दी है। कई देशों में रिसर्च करना बताया है। दुूनिया के बड़े बड़े देशों से मिली उपलब्धियों का जिक्र किया है। लेकिन दमोह पुलिस ने छानबीन के दौरान जाहिर कर दिया कि डॉ. नरेन्द्र विक्रमादित्य के पास किसी प्रकार की डिग्री नहीं है।बावजूद इसके लम्बे समय से हार्ट स्पेशलिस्ट बताकर अलग अलग अस्पतालो में सैकड़ों आरपेशन किया। और लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पडा है।
दमोह पुलिस को गिरफ्तार डा. नरेन्द्र जान केम ने बताया है कि 1996 में नार्थ बंगाल मेडिकल कालेज दार्जिलिंग से MBBS किया। यूनिवर्सिटी आफ कलकत्ता से 5 सितम्बर 1999 को डा. आफ मेडिसीन का डिग्री लिया। पाण्डिचेरी यूनिवर्सिटी से जुलाई 2013 में डा. आफ मेडिसीन की डिग्री हासिल किया। उसके पास आन्ध्रप्रदेश मेडिकल काउंसिल का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट नरेन्द्र जान केम से है।जबकि दमोह पुलिस के अनुसार नरेन्द्र विक्रमादित्य की सभी डिग्रियां फर्जी हैं।
फर्जी डॉक्टर ने किया राजेन्द्र शुक्ला का ईलाज
अपनी शिकायत में डॉ. प्रदीप शुक्ला ने यह भी जानकारी दिया कि अपोलो अस्पताल प्रबंधन ने डा. नरेन्द्र विक्रमादित्य यादव के संबंध में जो भी दस्तावेज दिए है..सभी फर्जी हैं। डा. नरेन्द्र विक्रमादित्य यादव चिकित्सा और हृदय रोग विशेषज्ञ नहीं होते हुए भी चिकित्सा व्यवसाय को अंजाम दिया। धोखाधड़ी कर अपोलो अस्पताल मे हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में काम किया। इस दौरान आरोपी ने स्व. राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला का हृदय संबंधी उपचार किया। एंजियोग्राफी और एन्जियोप्लास्टी भी किया। जबकि डा. नरेन्द्र विक्रमादित्य यादव को भली भांति पता था कि वह हृदय रोग का विशेषज्ञ नही है। बावजूद इसके आरोपी ने स्व.राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला का एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी किया । और उनकी मौत हो गयी।
अपोलो और फर्जी डाक्टर के खिलाफ गंभीर धारा में एफआईआर
डॉ.प्रदीप ने सरकन्डा पुलिस को मध्यप्रदेश पुलिस के हवाले से बताया कि डॉ.नरेन्द्र के सभी दस्तावेज फर्जी हैं। अलग अलग दस्तावेजों में पिता,और पता अलग अलग हैं। डॉ. नरेन्द्र ने धोखाधड़ी कर अपोलो अस्पताल मे हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में काम किया। डॉ. राजेन्द्र शुक्ल की मौत के लिए अपोलो और डॉ. नरेन्द्र विक्रमादित्य जिम्मेदार है। प्रबंधन और फर्जी डाक्टर ने मिलकर राजेन्द्र शुक्ल की हत्या की है। पुलिस ने डा. नरेन्द विक्रमादित्य यादव और अपोलो अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 465, 466, 468, 471, 304, 34 के तहत अपराध दर्ज किया है।
क्या कहा विजय केशरवानी ने
जानकारी देते चलें कि फर्जीवाड़ा की शिकायत के बाद जिला कांग्रेस कमेटी बिलासपुर अध्यक्ष विजय केशरवानी की अगुवाई में कांग्रेसियों ने अपोलो का घेराव किया था। साथ ही सरकन्डा थाना का घेराव कर अपोलो प्रबंधन और फर्जी डॉक्टर के खिलाफ अपराध दर्ज किये जाने की मांग की थी। डॉ.नरेन्द्र की शैक्षणिक योग्यता के दस्तावेजों को भी मांगा कता। विजय केशरवानी ने एक पत्र मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर और पुलिस कप्तान को दिया था। मामले में एफआईआर दर्ज होने पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी ने न्याय मिलने की उम्मीद ज़ाहिर की है।
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