BilaspurChhattisgarh

भगदड़ यहां भी..वहां भी..जिसमें कम भगदड़,..क्या उसी का बनेगा मेयर.?.कांग्रेस की कार्रवाई को देख भाजपा नेता परेशान

चुनाव में भाजपा में भी हुई बगावत..नहीं बोल रहे नेता..लेकिन हो रही शिकायत

बिलासपुर—खुदा मेहरबान  यहां भी..वहां भी..गधा पहलवान, यहां भी.. वहां भी.. निदा फ़ाजली की यह पंक्ति इन दिनों निकाय चुनाव के दौरान दोनो ही पार्टियों पर सटीक बैठती है। क्या कांग्रेस और क्या भाजपा.. दोनो ही पार्टियों में इन दिनों जमकर भगदड़ मची है। अलग बात है कि भगदड़ सिर्फ कांग्रेस में ही नजर आ रहा है। असंतोष तो भाजपा के भीतर जमकर है। प्रत्याशियों ने आला नेताओं तक चुनाव के दौरान भीतरघात करने वाले एक एक नेताओं और कार्यकर्ताओं की लिखित शिकायत की है। कार्रवाई नहीं होने के कारण शिकायत करने वाले भाजपा प्रत्याशी अन्दर अन्दर ही अन्दर घुट रहे हैं।  जबकि भाजपा नेता चाहते हैं कि भीतरघातियों पर कांग्रेस की ही तरह निष्कासन की कठोर कार्रवाई हो। 

 इन दिनों कांग्रेस में जमकर भगदड़ है। शिकायत मिलते ही नेताओं को तत्काल 6 साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। कल किसका नम्बर होगा..इस बात को लेकर अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ प्रसार प्रचार करने वालों में जमकर भगदड़ है। कोई शिकायत ना करें इस बात को लेकर भीतरघाती प्रत्याशी का मान मनौव्वल करने लगे हैं। लेकिन अनुशासन की तलवार है कि चलती चली जा रही है। एक दिन पहले विजय केशरवानी ने अभय नारायण, मनहर निषाद और इशहाक कुरैशी को 6 साल के लिए बाहर निकाला तो. शहर अध्यक्ष विजय पाण्डेय ने एक कदम बढ़ाकर सीमा पाण्डेय समेत आधा दर्जन लोगों को निष्कासन का लेटर थमा दिया।
       ऐसा नहीं है कि भगद़ड सिर्फ कांग्रेस में ही है। भीतरघात तो भाजपा में भी जमकर हुआ है। टिकट नहीं मिलने से नाराज दर्जनों संभावित प्रत्याशियों ने अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ जमकर घात किया है। इसकी शिकायत प्रत्याशियों ने मुंहजुबानी ही नहीं लिखित में भी आला नेताओं से किया है। यद्यपि भीतरघाती परेशान हैं..लेकिन कार्रवाई नहीं होने से थो़ड़ी राहत का भी अनुभव कर रहे हैं। इसके विपरीत घातियों के खिलाफ कांग्रेस में कार्रवाई होते देख भाजपा प्रत्य़ाशी अब घुटन महसूस कर रहे हैं कि आखिर हमारी पार्टी में इस प्रकार की कार्रवाई कब होगी।
 शिकायत करने वाले भाजपा नेताओं ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कांग्रेस की तरह हमारे यहां भी निष्कासन कार्रवाई की जरूरत है। क्योंकि हम चाल चरित्र वाली पार्टी हैं। हमारे यहां अंतिम व्यक्ति का चिन्तन होता है। अलग बात है कि बाहर से आने वालों को सबसे पहले छप्पन भोग परोसा जाता है। दरअसल हमारे यहां चाल और चरित्र में ही नहीं.. नेताओं की रीति नीति में भी फर्क है। भारतीय अर्थव्यवस्था की तरह ऊपर वाले ऊपर चले जा रहे हैं…और हमारे जैसे नीचे वाले कार्यकर्ता जमीन खोदकर नीचे घुसते जा रहे हैं। इस बार यदि भीतरघातियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो उग्र विरोध करेंगे। क्योंकि हमें अहसास है कि भाजपा का अनुशासन सिर्फ कागजों तक सीमित होकर रह गया है। वर्ना अनुशासन तो कांग्रेस में इन दिनों देखा जा सकता है।
भाजपा के जिम्मेदार कुछ पदाधिकारियों ने बताया कि निकाय चुनाव के दौरान कांग्रेस से कहीं ज्यादा भीतरघात भाजपा में हुआ है। बावजूद इसके अभी तक किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। सकरी, जरहाभाटा, ओम नगर कस्तूरबा नगर सिंधी कॉलोनी कुदुदंड भारती नगर तालापारा मक्षंवापारा अंबेडकर नगर इंदिरा कॉलोनी तारबहार मसनगंज मध्य नगरी गोल बाजार जूना बिलासपुर तेलीपारा टिकरापारा तोरवा जबड़ा पारा सरकंडा मुक्तिधाम राजकिशोर नगर जोरापारा नूतन कॉलोनी बंधवापारा कोनी तिफरा क्षेत्र के वार्डों में जमकर भीतरघात हुआ है। सवाल उठता है कि क्या भीतरघातियों पर कांग्रेस की तरह कोई कार्रवाई होगी। या फिर हम शुतुरमुर्ग की तरह मुंह छिपाते रहेंगे। यदि हुआ तो वह दिन दूर नहीं जब भाजपा की भी स्थिति कांग्रेस की तरह हो जाएगी। बेहतर होगा कि अभी से ही अनुशासन का डंडा दबा कर चलाया जाए।

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