सूअरों से बचाने के नाम पर बिछी मौत — करंट की चपेट में आया अधिकारी… मौके पर मौत.. ग्रामीणों में आक्रोश

रायगढ़…लैलूंगा थाना क्षेत्र के भेलवाटोली गांव में रविवार की रात एक दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। खेत में बिछाए गए अवैध बिजली के तार की चपेट में आने से ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी लाल कुमार साहू (पिता त्रिलोचन साहू) की मौत हो गई। यह हादसा सिर्फ एक व्यक्ति की जान नहीं ले गया — यह उन लापरवाहियों का सबूत बन गया है जो ग्रामीण इलाकों में खुलेआम मौत बांट रही हैं।
सूत्रों के अनुसार, लाल कुमार साहू खेत से लौटने के बाद देर रात किसी आवश्यक कार्य के लिए दोबारा खेत गए थे। उन्हें क्या मालूम था कि उनके ही गांव के किसी व्यक्ति ने जंगली सूअरों से फसल बचाने के नाम पर खेत में करंट का जाल बिछा रखा है। रात की निस्तब्धता में वही तार मौत का फंदा बन गया — और लाल कुमार ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
गांव में मातम, परिवार बेसुध
सुबह जब ग्रामीणों को घटना की जानकारी हुई, तो पूरा गांव सन्न रह गया। परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। लाल कुमार साहू अपने परिवार में मुख्य सहारा थे, और समाज में एक शांत, मिलनसार व्यक्ति के रूप में जाने जाते थे। गांव में हर आंख नम है — लेकिन सवाल यह है कि इन मौतों पर शासन-प्रशासन कब जागेगा?
प्रशासन की नींद या मिलीभगत?
ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में कई लोग जंगली सूअर या मवेशियों को रोकने के नाम पर बिजली के तारों में करंट प्रवाहित करते हैं। यह प्रवृत्ति किसी एक गांव की नहीं, बल्कि पूरे इलाके में आम हो चुकी है — और प्रशासन इस पर आंख मूंदे बैठा है। यह घटना न केवल एक दर्दनाक हादसा है बल्कि प्रशासनिक लापरवाही की खुली पोल है। सवाल यह है कि जब बिजली विभाग और पुलिस दोनों को यह जानकारी है कि कई गांवों में अवैध करंट लाइनें बिछी हैं, तो अब तक कोई सख्त कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
पुलिस की जांच शुरू, लेकिन जवाबदेही कहाँ?
घटना की सूचना मिलते ही लैलूंगा पुलिस मौके पर पहुँची और शव को कब्जे में लेकर पंचनामा व पोस्टमार्टम की कार्रवाई की। पुलिस ने करंट बिछाने वाले व्यक्ति की तलाश शुरू कर दी है। लेकिन लोग पूछ रहे हैं —जब यह सिलसिला महीनों से चल रहा था, तब रोकने वाला कौन था? यह जांच सिर्फ एक औपचारिकता न बने, बल्कि उन जिम्मेदारों पर दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए जिन्होंने इस अवैध प्रवृत्ति को पनपने दिया।