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जन्मदिन की मोमबत्ती चिता के पास… पिता ने काटा केक..,रो पड़ा जिला… जन्मदिन बना विदाई का दिन

कवर्धा…कभी जन्मदिन का जश्न मनाने का सपना देखा था, लेकिन वही दिन बेटी के अंतिम संस्कार का दिन बन गया। कवर्धा मुक्तिधाम में मंगलवार को जो दृश्य सामने आया, उसने हर किसी की आंखें नम कर दीं। 14 साल की अदिति भट्टाचार्य के जन्मदिन पर उसके पिता ने उसकी चिता के पास केक काटा… और पूरा मुक्तिधाम सिसकियों से गूंज उठा।

सड़क हादसे में पांच जिंदगियां बुझीं

रविवार शाम चिल्फी थाना क्षेत्र के अकलघरिया के पास बोलेरो और ट्रक की भीषण टक्कर में पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। बोलेरो सवार कोलकाता निवासी परिवार कान्हा केसली से लौट रहा था। मृतकों में परम भट्टाचार्य (46), उनकी बेटी अदिति (14), पोपी बर्मन (48), अन्वेषा सोम (41) और ड्राइवर अजय कुशवाहा शामिल हैं। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बोलेरो के परखच्चे उड़ गए।

अधूरी ख्वाहिशें, बिखरे जश्न के पल

दो दिन पहले ही अदिति ने पिता से कहा था — “इस बार बड़ा वाला केक चाहिए… और नए कपड़े भी।” लेकिन किसे पता था कि वही जन्मदिन उसकी चिता के पास मनाना पड़ेगा। मंगलवार को मुक्तिधाम में पिता ने काँपते हाथों से केक काटा, मोमबत्ती जलाई और नज़रें उस जगह टिका दीं जहाँ उनकी बेटी हमेशा के लिए सो चुकी थी। वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखों से आंसू बह निकले। सहेलियां रोते हुए कहती रहीं — “अदिति चली गई, लेकिन उसकी हंसी हमारे साथ रहेगी।”

अस्पताल की बदहाल व्यवस्था उजागर

इस दर्दनाक हादसे के बाद कवर्धा जिला अस्पताल की लापरवाही ने स्थिति और भी दुखद बना दी। शवों को 43 घंटे तक न तो फ्रीजर में रखा गया और न ही बर्फ की कोई व्यवस्था की गई। खुले कमरे में रखे शवों से दुर्गंध फैल गई और संक्रमण का खतरा बढ़ गया। इतने लंबे इंतज़ार के बाद ही पोस्टमार्टम हो सका।

स्वास्थ्य विभाग हरकत में, स्वीकार की कमी

कवर्धा के सीएमएचओ ने स्वीकार किया कि शव संरक्षण की व्यवस्था बेहद सीमित है। उन्होंने सभी ब्लॉक अस्पतालों से रिपोर्ट मांगी है और वादा किया है कि जल्द ही हर ब्लॉक में फ्रीजर और मॉर्चुरी रूम की व्यवस्था की जाएगी। इस पूरे प्रकरण पर अगली जिला स्तरीय बैठक में विस्तृत चर्चा होगी।

घायलों की हालत अब सामान्य

हादसे में घायल अरनदीप दास (10), मुनमुन बेग (42), रिताभास सरकार (17), अद्रिका भट्टाचार्य (18) और सुप्रीति मांझी (19) का इलाज कवर्धा जिला अस्पताल में चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, सभी की स्थिति स्थिर है।

यह घटना केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि हमारे स्वास्थ्य तंत्र की कमजोरियों पर भी गहरा सवाल उठाती है। जब तक बुनियादी सुविधाएं मजबूत नहीं होंगी, ऐसी कहानियां यूं ही दिल तोड़ती रहेंगी।

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