कांग्रेस शासन में निलंबित…भाजपा में प्रमोट…गणवेश घोटाले ने खोला रंगबाज DEO का पोल

बलरामपुर-रामानुजगंज..( पृथ्वी लाल केशरी) जिला शिक्षा अधिकारी डी.एन. मिश्रा एक बार फिर निलंबन की जद में आ गए हैं। कांग्रेस शासनकाल में महिला सहायक शिक्षक से अभद्रता के आरोप में निलंबित किए गए मिश्रा को भाजपा शासनकाल में दोबारा जिला शिक्षा अधिकारी की कुर्सी मिली थी। लेकिन अब गणवेश वितरण घोटाले ने उनकी कुर्सी छीन ली है।
कांग्रेस शासनकाल में मिश्रा तत्कालीन विकासखंड शिक्षा अधिकारी उदयपुर जिला सरगुजा पद पर रहते हुए एक महिला सहायक शिक्षक एसटी वर्ग के साथ दुर्व्यवहार के दोषी पाए गए थे। जांच प्रतिवेदन के आधार पर 9 दिसंबर 2022 को उन्हें निलंबित कर सरगुजा संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा कार्यालय में अटैच किया गया था।
इसके बावजूद भाजपा शासनकाल में उन्हें बलरामपुर-रामानुजगंज जिले का जिला शिक्षा अधिकारी बना दिया गया। यह निर्णय उस वक्त से ही शिक्षकों में असंतोष का कारण रहा। कई शिक्षकों का आरोप रहा कि संघर्षशील और ईमानदार शिक्षकों को दरकिनार कर मिश्रा जैसे चाटुकारों को संरक्षण दिया जाता है।
अब नए खुलासे में सामने आया है कि वर्ष 2025-26 के लिए जिले में 3,16,488 गणवेश प्राप्त हुए थे, लेकिन वितरण केवल 2,38,066 गणवेशों का ही हुआ। शेष गणवेशों की देखरेख न होने से उनके अनुपयोगी होने की संभावना है, जिससे शासन को आर्थिक हानि की आशंका जताई गई है। शिक्षा विभाग ने इसे गंभीर लापरवाही और अनुशासनहीनता मानते हुए 18 सितंबर 2025 को मिश्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और उनका मुख्यालय सरगुजा संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा कार्यालय तय कर दिया।
इस बीच, कांग्रेस शासनकाल का पुराना आदेश और दस्तावेज सामने लाने वाले सूर्य प्रताप कसेरा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा— “महिला अपमान और भ्रष्टाचार जैसे मामलों में संलिप्त अफसर को भाजपा शासनकाल में जिम्मेदारी देना शिक्षा व्यवस्था के साथ सीधा खिलवाड़ था। गणवेश वितरण घोटाला साबित करता है कि ऐसे अधिकारियों को संरक्षण देना निंदनीय और शर्मनाक है।