बिजली गुल, सड़क जर्जर, नहर सूनी…शिक्षा व्यवस्था ठप, विकास की राह ताक रहा है सोन पंचायत.. महिला सरपंच ने टेका कलेक्टर दरबार में मत्था.. सुनाई गांव की व्यथा

बिलासपुर/मस्तूरी… जिले के पचपेड़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत जनपद पंचायत मस्तूरी का अंतिम छोर पर स्थित ग्राम पंचायत सोन आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। बिजली, सड़क, पानी और शिक्षा जैसी बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे ग्रामीणों ने सोमवार को महिला सरपंच तारा मोती साहू की अगुवाई में भारी संख्या में कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर जिला प्रशासन को अपनी समस्याओं से अवगत कराया और लिखित शिकायत सौंपी।
अस्त-व्यस्त बिजली व्यवस्था
ग्रामीणों ने बताया कि गांव की बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। खंभे और तार लगे होने के बावजूद बिजली अक्सर गुल रहती है। मेंटेनेंस सालों से नहीं हुआ। स्थिति यह है कि अंधेरे में सांप-बिच्छू के काटने से कई लोगों की जान जा चुकी है।
गरीबों से अवैध वसूली, शिक्षा व्यवस्था बदहाल
गांव में शिक्षा की हालत बेहद खराब है। हाई स्कूल और मिडिल स्कूल में सैकड़ों बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन केवल दो-दो शिक्षक ही पदस्थ हैं, जबकि आवश्यकता सात से अधिक शिक्षकों की है। मजबूरी में ग्रामीण गरीबों से अवैध वसूली कर निजी शिक्षकों से पढ़ाई करवाते हैं। प्रति बच्चे लगभग 600 रुपए हर महीने जमा करना पड़ रहा है।
सरपंच तारा मोती साहू ने कहा कि “कभी-कभार कुछ शिक्षक आते हैं, लेकिन दो-तीन महीने बाद रिटायर हो जाते हैं। स्कूल की हालत जस की तस बनी रहती है और नुकसान मासूम बच्चों को उठाना पड़ता है।”
नहर है लेकिन पानी नहीं
ग्रामीण किसानों ने भी साफ कहा कि नहर से पानी तो छोड़ा जाता है, लेकिन वह गांव तक नहीं पहुंच पाता। नतीजतन खेत सूख रहे हैं और फसलें बर्बाद हो रही हैं। वहीं गांव की एकमात्र मुख्य सड़क की हालत इतनी जर्जर है कि यह तय करना मुश्किल हो गया है कि गड्ढों में सड़क है या सड़क में गड्ढे। बरसात के दिनों में स्थिति और भी भयावह हो जाती है।
सरपंच बोलीं – अब आंदोलन का सहारा
सरपंच तारा मोती साहू ने कलेक्टर दरबार में कहा – “हमारा गांव विकास से बहुत पीछे है। आसपास की पंचायतें आगे बढ़ रही हैं, लेकिन सन गांव आज भी आदिम युग में जी रहा है। यदि हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो हम आंदोलन करने को मजबूर होंगे।”
भरोसा कायम, पर उम्मीदें अधूरी
कलेक्टर कार्यालय ने ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से सुना है और बरसात के बाद सड़क निर्माण सहित अन्य कार्यों को कराने का आश्वासन दिया है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि इस बार उनकी फरियाद को अनसुना नहीं किया जाएगा।