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छत्तीसगढ़ @25: राजधानी में गूंजेगी विकास की पुकार, पीएम मोदी होंगे साक्षी”.. प्रधानमंत्री दिखाएंगे रौशनी का रास्ता”

रायपुर | छत्तीसगढ़ राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने पर आयोजित “अमृत रजत महोत्सव” में इस बार कुछ विशेष होने जा रहा है — प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बनेंगे। यह समारोह 1 नवंबर 2025 को रायपुर में आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे।

प्रधानमंत्री को मुख्यमंत्री ने स्वयं दिया आमंत्रण

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने संसद भवन में प्रधानमंत्री से मुलाकात की और उन्हें इस भव्य आयोजन का निमंत्रण दिया। इस मुलाक़ात में उन्होंने केवल निमंत्रण नहीं दिया, बल्कि छत्तीसगढ़ के विकास का एक विस्तृत “प्रगति खाका” भी प्रस्तुत किया — जिसमें भविष्य की योजनाएं, चल रही परियोजनाएं और निवेश की दिशा पर विशेष चर्चा हुई।

विकसित भारत @2047  का रोडमैप

अंजोर विजन 2047″: छत्तीसगढ़ सरकार ने एक व्यापक दृष्टि दस्तावेज़ तैयार किया है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में नवाचार और समावेशी विकास पर ज़ोर है।

“जन विश्वास विधेयक 2025”: केंद्र के जन विश्वास अधिनियम से प्रेरित होकर राज्य ने भी न्याय व्यवस्था को सरल और पारदर्शी बनाने की पहल की है।

नवा रायपुर के लिए SCRDA: छत्तीसगढ़ राज्य राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण के ज़रिए राजधानी क्षेत्र को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है।

औद्योगिक क्रांति की दहलीज़ पर छत्तीसगढ़

नई औद्योगिक नीति 2024-30 के लागू होने के बाद राज्य में निवेशकों की रुचि में भारी इज़ाफा हुआ है।84 कंपनियों से 6.65 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जो राज्य की औद्योगिक उड़ान के संकेतक हैं।देश की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट और एआई डेटा सेंटर की आधारशिला नवा रायपुर में रखी जा चुकी है।

तकनीक, स्वास्थ्य और शिक्षा में नए प्रयोग

मेडिसिटी” परियोजना के तहत रायपुर को मेडिकल हब के रूप में विकसित किया जा रहा है।

एडु-सिटी” योजना ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थियों को डिजिटल संसाधनों से जोड़कर गुणवत्ता आधारित शिक्षा की नींव रख रही है।

आदिवासी अंचलों में प्रशिक्षित शिक्षकों और स्मार्ट क्लास की मदद से शैक्षणिक परिदृश्य को बदला जा रहा है।

नक्सलवाद से पुनर्वास की ओर

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं के विस्तार के साथ-साथ आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास की योजनाएं चल रही हैं। यह बदलाव केवल कानून व्यवस्था का नहीं, विश्वास बहाली का संकेत है।

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