अंधविश्वास की अंधी गली में, मासूम लाली की बलि — हिफाजत करने वालों ने उतारा मौत के घाट

रायपुर …छत्तीसगढ़ की धरती पर एक बार फिर अंधविश्वास की साजिशों ने एक मासूम की जान ले ली। भयानक सच यह है कि जिस बच्ची “लाली” को सबसे ज्यादा अपनों से सुरक्षा मिलनी चाहिए थी, वही उसके सबसे खौफनाक दुश्मन निकले। सिर्फ पैसे, वर्चस्व और झूठे तंत्र-मंत्र के लालच में लिप्त इन दरिंदों ने मिलकर वह किया, जिसे सुनकर रूह कांप उठे।
अंधविश्वास की बलि चढ़ी मासूम लाली
हृदयविदारक कांड का खुलासा तब हुआ जब 26 जुलाई को पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा। रात 1 बजे ‘झरन पूजा’ के नाम पर श्मशान के पास झाड़-फूंक के बहाने 7 वर्षीय लाली की चाकू से हत्या कर दी गई। शव को खेत में गाड़ दिया गया।
आरोपियो का नाम पता ठिकाना
- चिम्मन गिरी गोस्वामी–चाचा, तांत्रिक गतिविधियों में लिप्त।
- ऋतु गोस्वामी–तांत्रिक की पत्नी,लालच और वर्चस्व की भूखी।
- नरेंद्र मार्को – लाली को अगवा करने वाला ।
- रामरतन निषाद– झाड़-फूंक का कथित बैगा।
- आकाश मरावी (21) – शव को दफनाने में मददगार।
चौंकाने वाली बात है कि लाली की मां पुष्पा को “तांत्रिक अनुष्ठान” की जानकारी थी। आखिरी समय पर डर के कारण पीछे हट गई — लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
नार्को टेस्ट से सामने आया खौफनाक सच
CBI और साइबर सेल की टीम ने नार्को टेस्ट से हैवानियत के पीछे के सच को उजागर किया। ऋतु ने काले कपड़े पहनाकर बच्ची को “पूजा” के लिए तैयार किया। फिर सबूत मिटाने के लिए शव को गाड़ने की साजिश रची।
भोजराम पटेल की काम आई तत्परता
पूरे मामले में एसपी भोजराम पटेल ने कुशलता, मानवीयता और पेशेवर मजबूती का परिचय दिया,। राजस्व विभाग, साइबर सेल, और फॉरेंसिक टीम के साथ तालमेल बनाते हुए उन्होंने न सिर्फ हत्यारों को बेनकाब किया,। बल्कि एक खतरनाक अंधविश्वासी तंत्र की जड़ों तक जाकर तोड़ने की कोशिश की।