Liquor scam में बेटे की गिरफ्तारी पर बोले भूपेश बघेल: “बेवजह फंसाया जा रहा, लड़ाई जारी रहेगी”

Liquor scam।छत्तीसगढ़ की राजनीति में इन दिनों एक बार फिर उथल-पुथल मची हुई है, जहां शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर पांच दिन की रिमांड पर भेजा है।
रविवार को भूपेश बघेल सपरिवार ईडी कार्यालय पहुंचे और बेटे से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की।
उन्होंने कहा कि उनके बेटे को राजनीतिक षड्यंत्र के तहत बेवजह इस मामले में फंसाया जा रहा है और वे इसके खिलाफ लड़ाई लड़ते रहेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने मीडिया को बताया कि जैसे ही चैतन्य की गिरफ्तारी की खबर सामने आई, सबसे पहले राहुल गांधी का और फिर प्रियंका गांधी का फोन आया।
उन्होंने बेटे से मिलकर कहा कि अगर आज उनके पिता यानी चैतन्य के दादा जीवित होते, तो इस लड़ाई को देखकर गर्व महसूस करते, क्योंकि वे भी कई सामाजिक मुद्दों पर जेल गए थे।
भूपेश बघेल ने यह भी आरोप लगाया कि जिन लोगों के बयान इस केस में लिए जा चुके हैं, उन पर और उनके बेटे का नाम लेने का दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने इसे सत्ता का दुरुपयोग बताते हुए कहा कि ये कार्रवाई बदले की राजनीति का हिस्सा है।
शुक्रवार सुबह ईडी ने भिलाई स्थित बघेल निवास पर छापेमारी की थी। पूछताछ के बाद चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें पांच दिन की रिमांड पर ईडी को सौंपा गया।
Liquor scam की कमाई से करीब 17 करोड़ रुपये की अवैध राशि
जांच एजेंसी का दावा है कि चैतन्य बघेल से जुड़ी कुछ कंपनियों को कथित शराब घोटाले की कमाई से करीब 17 करोड़ रुपये की अवैध राशि प्राप्त हुई है।
एजेंसी का यह भी कहना है कि शराब घोटाले से राज्य को बड़ा नुकसान हुआ है और करीब 3,200 करोड़ रुपये की रकम शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेब में गई है।
ईडी ने चैतन्य बघेल की भूमिका को इस पूरे घोटाले में अहम मानते हुए अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है। बताया जा रहा है कि घोटाले की कुल राशि करीब 1,070 करोड़ रुपये के आसपास हो सकती है, जिसकी जांच अब ईडी के साथ-साथ पूरे देश की नजरों में है।
भूपेश बघेल ने इस पूरे घटनाक्रम को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है और कहा है कि वे किसी भी दबाव में झुकने वाले नहीं हैं।Liquor scam