सरकार की जबरदस्ती पर कर्मचारी नेता रोहित तिवारी का विरोध.. स्कीम इतनी अच्छी तो मंत्री विधायक खुद अपनाएं… इसके बाद दे उपदेश

रायपुर…छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को समाप्त कर यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (UPS) लागू करने के निर्णय के खिलाफ अब शासकीय कर्मचारियों में जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी ने निर्णय का कड़ा विरोध किया है। रोहित तिवारी ने कहा क “यदि UPS स्कीम इतनी ही लाभकारी है, तो पहले मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों को इसे अपनाना चाहिए।”
UPS स्कीम से कर्मचारियों को आपत्ति?
रोहित तिवारी ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि सरकार द्वारा OPS को खत्म करना कर्मचारियों के भविष्य के साथ अन्याय है। UPS स्कीम में:पेंशन राशि मात्र ₹1000 से ₹3000 तक सीमित है।यह स्कीम पूर्व में लागू NPS (नई पेंशन योजना) से भी अधिक अस्थिर और अपारदर्शी है।अभी तक UPS स्कीम का नीति प्रारूप और क्रियान्वयन ढांचा भी तय नहीं किया गया, इसके बावजूद इसे लागू कर दिया गया इस स्कीम के तहत सरकारी और गैर-सरकारी नागरिकों के बीच का अंतर समाप्त हो जाता है,। जो प्रतियोगी परीक्षा और योग्यता से चयनित कर्मचारियों के साथ अन्याय है। रोहित ने बताया कि UPS में न तो स्थायित्व है और न ही भविष्य की आर्थिक सुरक्षा।
अंतिम पड़ाव पर आत्मनिर्भर नहीं रहेंगे
संघ अध्यक्ष तिवारी ने कहा कि इस स्कीम के तहत एक कर्मचारी पेंशन के नाम पर जीवन भर न्यूनतम राशि पर निर्भर रहेगा, जो उसके आत्मसम्मान और आर्थिक स्वतंत्रता को गहरा आघात पहुंचाएगा।
उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर यह आदेश तत्काल प्रभाव से रद्द नहीं किया गया, तो प्रदेशव्यापी उग्र आंदोलन किया जाएगा।
“मंत्री-विधायक अपनाएं UPS, फिर थोपें”
तिवारी ने सरकार से सीधा सवाल पूछा:
“अगर यह योजना इतनी ही अच्छी है, तो छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रीगण और सत्ता पक्ष के विधायक स्वयं UPS स्कीम को अपनाएं। इससे यह साबित होगा कि यह योजना वास्तव में भरोसेमंद है।”