बिलासपुर— कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि युक्तियुक्त करण की प्रक्रिया को पारदर्शिता के साथ किया गया है। संभव है कि कुछ बहुत शिकायतें हो..उन्हें दूर किया जा रहा है…और लोगों की शिकायतों को सुना भी जा रहा है। पत्रकार वार्ता में कलेक्टर ने बताया कि शिक्षा व्यवस्था को बेहतर और समावेशी बनाने के लिये किया जा रहा है। नगरी इलाकों में छात्रों की तुलना अधिक शिक्षक पदस्थ है..जबकि ग्रामीण और दूरस्थ अंचलों की शालाओं में स्थिति इसके उलट है। मतलब शिक्षकों की भारी कमी है। युक्तियुक्तकरण के बाद अब भारी असमानता को दूर किया गया है।
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने बताया कि शैक्षणिक गतिविधियों को मजबूत बनाने के लिए ही प्रदेश सरकार ने युक्तियुक्तकरण का कदम उठाया है। जिन शालाओं में शिक्षक की जरूरत है वहां शिक्षक उपलब्ध कराया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में गणित रसायन भौतिकी और जीव विज्ञान जैसे विषयों के विषय विशेषज्ञों को भेजा जा रहा है। इससे बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ बेहतर शैक्षणिक वातावरण और सुविधाएं मिलेंगी । युक्तियुक्तकरण से छात्र शिक्षक अनुपात में संतुलन स्थापित होगा।
तीन बार प्रवेश प्रक्रिया से निजात
कलेक्टर ने पत्रकार वार्ता में शिक्षा अधिकार अधिनियम और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का जिक्र किया। उन्होने बताया कि बिलासपुर जिले में 4 प्राथमिक शालाएं शिक्षक विहीन और 126 शालाएं एकल शिक्षकीय हैं। जबकि चार पूर्व माध्यमिक विद्यालय एकल शिक्षकीय पाए गए है।
संजय अग्रवला ने युक्तियुक्तकरण की ताऱीफ करते हुए बताया कि शिक्षक विहीन विद्यालयों में शिक्षकों की उपलब्धता होगी। एक ही परिसर में विद्यालयों को समाहित कर आधारभूत संरचना बेहतर होगा। स्थापना व्यय में कमी आएगी। हम सबको मालूम है कि लगभग 90 बच्चों को 3 बार प्रवेश प्रक्रिया से निजात मिलेगी। पढ़ाई में गुणवत्ता के साथ निरंतरता होगी। ड्रॉप आउट दर में कमी आएगी। आधारभूत संरचना बेहतर हो जाएगा।
इन स्कूलों में भेजे गए शिक्षक
कलेक्टर ने बताया कि बिलासपुर जिले के कोटा स्थित खपराखेल कुसुम खेल। मस्तूरी स्थित सेबरिया डेरा लोहर्षि और तखतपुर के आदिवासी बैगा गांव डीलवापारा में शिक्षक विहीन स्कूल है। युक्तियुक्तकरण से शिक्षकों की कमी को दूर किया गया। एकल शिक्षकीय पूर्व माध्यमिक शाला चितवार तखतपुर, जैजैपुर मस्तूरी ,तरवा और नगोई कोटा, में 3 3 शिक्षकों को नियुक्त किया गया है। शिक्षक विहीन शासकीय हाईस्कूल कुकुदा मस्तूरी में पांच, सैदा तखतपुर में चार , कुकुर्दीकला मस्तूरी में 3 शिक्षक नियुक्त किया गया है। शहर के भीतर पूर्व माध्यमिक शाला तारबाहर में 11 शिक्षक पदस्थ थे लेकिन छात्रों की संख्या मात्र 142 है। ऐसे अतिशेष शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में भेजा गया है।
कलेक्टर ने किया आरोप से इंकार
सवाल जवाब के दौरान कलेक्टर ने युक्तियुक्तकरण में वरिष्ठता को दरकिनार किए जाने की बात से इंकार किया। उन्होने बताया कि शिक्षकों में वरिष्ठता को लेकर भ्रम की स्थिति बनी है। इसका सम्बन्ध नौकरी ज्वाइनिंग से नहीं बल्कि स्कूल में पदस्थापना से है। यदि कोई शिक्षक स्कूल में अन्य शिक्षकों से बाद में आया है तो निश्चित रूप से वह अतिशेष होंगे। उन्होने इस बात से इंकार किया कि शिक्षकों की अतिशेष सूची दो बार बनाया गया। कलेक्टर ने बताया कि सब कुछ पारदर्शी हुआ है। सुबह दस बजे से रात्रि 11 बजे तक लोगों को पर्याप्त समय दिया गया। इच्छा और निर्देशों का पालन किया गया है। कलेक्टर ने इस बात से भी इंकार किया कि युक्तियुक्तकरण विषय चक्र के अनुसार किया गया है।
हाईकोर्ट में कैविएट
कलेक्टर ने यह भी बताया कि कुछ शिकायतें सामने आई..उन्हें तत्काल दूर किया गया है। अभी भी शिकायतों सुना जा रहा है। शिकायत सही पाए जाने पर उसका निराकरण भी किया जा रहा है।
कलेक्टर ने जानकारी दिया कि हमें पूरा विश्वास है कि अब शिक्षक विहीन या एकल शिक्षकीय पाठशाला को लेकर शिकायत नहीं आएगी। उन्होने इस बात से इंकार नहीं किया कि शिक्षक हाईकोर्ट जा सकते हैं। लेकिन उन्होंने यह भी बताया कि शासन की तरफ से केविएट लगाया गया ैह।