Chhattisgarh
स्वास्थ्य विभाग को कलेक्टर का फरमान…यदि काल नहीं उठाया तो होगी सख्त कार्रवाई….लायसेंस भी करेंगे निरस्त
कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग को कहा..अलर्ट मोड पर रहें

बिलासपुर—कलेक्टर ने की स्वास्थ्य विभाग के काम-काज की समीक्षा की है। कलेक्टर ने आदेश किया कि स्कूल और आंगनबाड़ी के सभी बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए। इस दौरान कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग को मौसमी बीमारियों से अलर्ट रहने को कहा है।कलेक्टर संजय अग्रवाल ने आंगनबाड़ी एवं स्कूल के सभी बच्चों का चिरायु योजना के तहत स्वास्थ्य परीक्षण कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि एक भी बच्चा योजना के तहत मेडिकल चेक-अप से छूटना नहीं चाहिए।
पिछले वित्तीय वर्ष में लगभग 20 प्रतिशत बच्चे स्वास्थ्य परीक्षण से बच गये थे। इस बार स्वास्थ्य विभाग को युद्धस्तर पर काम करना होगा। संजय अग्रवाल ने बताया कि चिरायु योजना के तहत रिफर किये गये बच्चों को राज्य सरकार की तरफ से मुफ्त में आगे का इलाज किया जाता है। पिछले साल साढ़े 3 हजार बच्चों की गंभीर बीमारी का इलाज किया गया है
बैठक में सीएमएचओ डॉ0 प्रमोद तिवारी, सिविल सर्जन डॉ0 अनिल गुप्ता, डीईओ डॉ0 अनिल तिवारी, डीपीओ सुरेश सिंह सहित सभी बीएमओ, डीपीएम एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी उपस्थित थे।
लगभग चार घण्टे चले समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने पूछा कि सूचना आने के बाद संजीवनी और महतारी एक्सप्रेस वाहन मरीजों तक कितने देर में पहुंचती है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि जिले में इस समय कुल 18 वाहन चल रहे हैं। विलम्ब अथवा कॉल अटेण्ड नहीं किए जाने की शिकायत पर कार्रवाई होगी। निजी कम्पनी के लाईसेंस निरस्त कर दिए जाएँगे।
संजय अग्रवाल ने कहा कि स्कूल और आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आयोजित पालक सम्मेलन में एनीमिया जांच भी किया जाये। आयुष्मान कार्ड की पहुंच बढ़ाने को लेकर कलेक्टर ने अधिकारियों से विचार विमर्श किया। उन्होंने कहा कि कॉलेज के युवाओं को कार्ड बनाने में सहयोग करें। जिले के सभी 42 कॉलेजों में इसके लिए शिविर लगाये जाएंगे।
कलेक्टर ने कहा कि आयुष्मान कार्ड से सरकारी अस्पताल में इलाज आसान है। इसका फायदा अस्पताल सहित डॉक्टरों और स्टाफ को होता है। कलेक्टर ने संस्थागत प्रसव की समीक्षा की। कोटा, मस्तुरी , तखतपुर सामुदायिक अस्पताल में भी जन औषधि केन्द्र खोलने के प्रस्ताव भेजने को कहा। कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग को मानसून जन्य बीमारी से अलर्ट रहने को कहा। कलेक्टर को सिविल सर्जन डॉ. गुप्ता ने बताया कि जीवनधारा योजना के क्रियान्वयन में जिला अस्पताल अव्वल स्थान पर है। प्रतिदिन 13 मशीनों से लगभग 50 मरीजों का डायलिसिस होता है।
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