संग्राम: पदोन्नति सूची से बाहर लेक्चरर्स ने दी चुनौती..DPI ने जेडी-डीईओ से तलब की रिपोर्ट

रायपुर…छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग में प्रिंसिपल पद पर पदोन्नति को लेकर एक बार फिर घमासान मच गया है। लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) ने संभागीय संयुक्त निदेशकों (JD) और जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) को पत्र जारी कर उन लेक्चरर्स की विस्तृत जानकारी मांगी है, जिन्होंने पदोन्नति से वंचित होने पर अभ्यावेदन प्रस्तुत किए हैं।
हाल ही में टी संवर्ग के 1335 लेक्चरर्स को काउंसलिंग के बाद प्रिंसिपल पद पर पदोन्नत कर पदस्थापना आदेश जारी किए गए। इसके साथ ही, जो लेक्चरर्स प्रभारी प्राचार्य के रूप में कार्यरत थे, उन्हें उसी स्कूल में पदोन्नति दे दी गई। इस प्रक्रिया को लेकर शिक्षक संगठनों ने विरोध भी दर्ज कराया था।
अब, आदेश जारी होने के बाद कई लेक्चरर्स सामने आए हैं जिनका नाम सूची में शामिल नहीं था, मगर वे प्राचार्य पद पर पदोन्नति का दावा कर रहे हैं। इन वंचित शिक्षकों ने DPI को अभ्यावेदन पेश किया, जिस पर कार्रवाई करते हुए DPI ने प्रदेशभर के जेडी और डीईओ को इन लेक्चरर्स की पूरी जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
निर्देश के अनुसार, वर्ष 2019 से 2023 तक का चार साल का गोपनीय प्रतिवेदन, मतांकन (opinion marking) और अचल संपत्ति का विवरण संलग्न प्रपत्र में भेजना होगा। यह जानकारी 18 सितंबर 2025 को शाम 4 बजे तक संचालनालय में जमा करना अनिवार्य किया गया है।
साथ ही DPI ने जेडी और डीईओ को यह भी कहा है कि वे 1 अप्रैल 2023 की वरिष्ठता सूची में विषयवार अंतिम पदोन्नत लेक्चरर्स और उनके वरिष्ठता क्रमांक का ब्यौरा उपलब्ध कराएं। विशेष रूप से, ऐसे शिक्षकों की जानकारी अलग से मांगी गई है जिनका नाम वरिष्ठता सूची में दर्ज नहीं है, लेकिन उनके कनिष्ठों की पदोन्नति हो चुकी है।
DPI का यह पत्र सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में एक बार फिर गहमागहमी तेज हो गई है। अब देखना यह होगा कि वंचित लेक्चरर्स को न्याय मिलेगा या विवाद और गहराएगा।