Bilaspur

डिजिटल पागलपन की हद…लाइक्स के लालच में वेदांश बना अपराधी — आर्म्स एक्ट की कई धाराएं दर्ज

बिलासपुर — सोशल मीडिया पर लोकप्रियता की दौड़ अब कानून, जनसुरक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी को रौंदते हुए सड़क पर उतर आई है। इसी अंधी होड़ में बिलासपुर निवासी वेदांश शर्मा और उसके साथियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को मनोरंजन का मंच बनाते हुए अपने वाहनों को बीच सड़क में खड़ा कर जानबूझकर यातायात को बाधित किया। सड़क पर आवागमन कर रहे आम नागरिकों को इससे भारी असुविधा हुई।

घटना थाना सकरी क्षेत्र की है, जहां आरोपीगण वीडियो शूट करते हुए जानबूझकर पब्लिक रूट को अवरुद्ध कर रहे थे। पुलिस ने तत्काल कार्यवाही करते हुए अपराध क्रमांक 495/25 के तहत भारतीय न्याय संहिता की धारा 126(2), 285 और 3(5) के अंतर्गत मामला दर्ज किया है। संबंधित वाहनों को जप्त कर लिया गया है और गिरफ्तारी की प्रक्रिया जारी है


फॉलोअर्स’ अव्यवस्था? डिजिटल उन्माद की हदें पार

इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है —

क्या डिजिटल शोहरत पाने की हवस में अब युवा कानून और समाज को दरकिनार कर चुके हैं?

वेदांश शर्मा जैसे तथाकथित सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स सार्वजनिक सुरक्षा को नजरअंदाज़ कर खुद को ‘स्टार’ साबित करने के लिए जनता को तकलीफ में डाल रहे हैं। उनका यह कृत्य न केवल गैरकानूनी है, बल्कि समाज के लिए विनाशकारी उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।

 राजमार्ग आपातसेवा की रेखा, ना कि शूटिंग का सेट

जिस मार्ग पर हर दिन एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, और आपातकालीन सेवाएं दौड़ती हैं, उसी को अपनी वीडियो शूटिंग का स्थान बनाना एक आपराधिक मानसिकता को दर्शाता है। यह न सिर्फ व्यवस्था का उपहास है, बल्कि यह जनजीवन के प्रति घोर असंवेदनशीलता का उदाहरण है।


प्रशासनिक संकल्प और चेतावनी जरूरी

बिलासपुर पुलिस की तत्परता सराहनीय है, लेकिन ऐसे मामलों में आपराधिक सजा के साथ-साथ सामाजिक निंदा भी होनी चाहिए।

“युवाओं को यह समझाने की आवश्यकता है कि सड़कें ‘रिल्स’ के लिए नहीं, जिम्मेदार यातायात के लिए बनी हैं।”

यदि इस मानसिकता पर अभी लगाम नहीं लगाई गई, तो आने वाले समय में सड़कें प्रदर्शन का मंच और जीवन एक ट्रेंडिंग टॉपिक बनकर रह जाएगा।

 गैरजिम्मेदारी पर अंकुश ज़रूरी

इस घटना ने स्पष्ट कर दिया है कि सोशल मीडिया संस्कृति की दिशा पर अब सख्त संवाद और नीति-निर्धारण की आवश्यकता है। कानून को कठोरता से लागू करते हुए समाज को भी यह कहने की जरूरत है:

“असली प्रभावशाली वही है जो जिम्मेदारी निभाता है, न कि जो व्यवस्था को ताक पर रखता है।”

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