जशपुर पैदल लौटती मिली दो नाबालिक लड़कियां..परिजनों ने बताया कारण. जांच पड़ताल में जुटी पुलिस

बिलासपुर… लालखदान क्षेत्र में दो नाबालिग लड़कियां संदिग्ध स्थिति में अकेली खड़ी मिलीं।,दोनो को तिफरा क्षेत्र से निकलकर अपने मूल निवास स्थान जशपुर लौटने का प्रयास करते पुलिस ने सुरक्षित रूप से रेस्क्यू किया। सूचना मिलते ही तोरवा थाना पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुँचकर बालिकाओं को संरक्षण में लिया और चाइल्ड केयर सेंटर भेजा।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए दोनों बालिकाओं को बाल कल्याण समिति मे प्रस्तुत किया। चाइल्डलाइन की सहायता से काउंसलिंग प्रक्रिया आरंभ की गई है। इस दौरान परिजनों को भी बुलाकर विस्तृत बयान लिए गए।
परिस्थितियों के चलते रिश्तेदारों के पास
पुलिस के अनुसार दोनों बालिकाएं जशपुर जिले की निवासी हैं। इनमें से एक बालिका अपने मामा अरुण लकड़ा केंद्र, बिलासपुर में के पास रह रही थी,। दूसरी बालिका आरक्षक सुधीर कुजुर थाना सिपत में पदस्थ के पास रह रही थी। दोनों तिफरा पुलिस कॉलोनी में रह रहे थे, जहाँ उनका आपसी परिचय हुआ।
प्रथम बालिका की माता फोगो लकड़ा ने पुलिस को दिए गए कथन में बताया कि उन्होंने अपनी पुत्री को पढ़ाई में रुचि नही होने के कारण तीन माह पूर्व अपने भाई अरुण लकड़ा के पास भेजा था ।ताकि वहां रहकर प्राइवेट परीक्षा की तैयारी कर सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बालिका के साथ कोई मारपीट या जबरन श्रम जैसी घटना नहीं हुई है। बालिका का मन नहीं लगने पर घर लौटना चाह रही थी।
दूसरी बालिका के परिजन जीवन कुजुर ने बताया कि बालिका की मां दूसरी शादी कर चुकी हैं ।पिता शराब का आदी हैं। इसलिए बालिका अपने मामा के पास जशपुर में रह रहती थी। बाद में बिलासपुर में पदस्थ सुधीर कुजुर और उनकी पत्नी शिक्षिका अंजू कुजु के पास भेजा ।ताकि बेहतर शिक्षा मिल सके। उन्होंने भी स्पष्ट किया कि किसी प्रकार की जबरदस्ती नहीं की गई।
फिलहाल संरक्षण में, पुलिस कर रही है जांच
वर्तमान में दोनों बालिकाएं बाल कल्याण समिति के संरक्षण में हैं और काउंसलिंग प्रक्रिया जारी है। पुलिस ने बताया कि फिलहाल परिजनों ने किसी प्रकार की अप्रिय घटना या आरोप नहीं लगाए गए हैं। बौद्ध देश के तत्वों की निष्पक्ष जांच की जा रही है,।