Chhattisgarh

Bilaspur Airport और हवाई सुविधा विस्तार का मुद्दा पूरे जोर से उठेगा

Bilaspur Airport ।बिलासपुर। हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति के एक प्रतिनिधि मंडल ने केंदीय राज्य मंत्री Tokhan sahu जो बिलासपुर के सांसद भी है से मुलाकात की और उनसे हवाई सुविधा विकास में आड़े आ रही विभिन्न बाधाओं को दूर कराने का आग्रह किया।

मुलाकात के दौरान समिति ने विस्तार पूर्वक सेना से भूमि हस्तांतरण, 4c एयरपोर्ट हेतु आवश्यक धन राशि की केंद्र से अनुदान और एलाइंस एयर के अलावा अन्य एयरलाइन कंपनियों से बिलासपुर में ऑपरेशन शुरू कराने की मांग रखी।

श्री तोखन साहू ने सभी बातों और तथ्यों को ध्यान से सुना और भरोसा दिया कि वे केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के संबंधित विभागों के सामने Bilaspur Airport और हवाई सुविधा विस्तार का मुद्दा पूरे ताकत से उठाएंगे ।

हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति के द्वारा मंत्री जी को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि bilaspur छत्तीसगढ़ राज्य का दूसरा प्रमुख शहर है ।

राज्य का Highcourt यहां स्थापित है और केंद्र सरकार के कई बड़े उपक्रम जैसे एसईसीएल और दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे आदि का मुख्यालय बिलासपुर ही है।

छत्तीसगढ़ राज जिसका क्षेत्रफल तमिलनाडु से भी बड़ा है केवल एक 4c एयरपोर्ट रायपुर के भरोसे चलाया जा रहा है जबकि तमिलनाडु में छह बड़े एयरपोर्ट है।

बिलासपुर में हवाई सुविधा विस्तार के लिए मांग लंबे समय से चल रही है और यह जन आंदोलन करीब 6 वर्ष से जारी है।

आप बिलासपुर से निर्वाचित सांसद होने के साथ-साथ केंद्र सरकार में राज्य मंत्री के पद पर हैं अतः आप से केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों के समक्ष बिलासपुर की जनता की निम्न मांगों को रखने की अपेक्षा हम करते हैं।

केंद्र सरकार से हमारी अपेक्षा है कि वे बिलासपुर एयरपोर्ट के चारों तरफ स्थित 1012 एकड़ जमीन जो रक्षा मंत्रालय ने आर्मी के ट्रेनिंग सेंटर के लिए अधिग्रहित की थी और जो आज बिना किसी विकास के खली और बेकार पड़ी है क्योंकि आर्मी ने अपना निर्णय बदल दिया है।

उस भूमि को बिलासपुर एयरपोर्ट के विकास हेतु राज्य सरकार को वापस किया जाए। इस संबंध में रक्षा मंत्रालय के द्वारा 290 एकड़ के बदले में 71 करोड रुपए की राशि राज्य सरकार से मांगी गई है।

जो राज्य सरकार को अपने गणना के अनुसार बहुत अधिक लग रही है। इस विवाद में यह भूमि हस्तांतरण लंबे समय से रुका हुआ है। आपसे अपेक्षा है कि आप राज्य और केंद्र सरकार के बीच राशि के संबंध में स्थित इस बाधा को दूर करने के लिए माननीय रक्षा मंत्री और माननीय मुख्यमंत्री के साथ एक संयुक्त बैठक कर इस मसले को हल कराए।

एक बार रक्षा मंत्रालय के कब्जे वाली यह भूमि बिलासपुर एयरपोर्ट को हस्तांतरित हो जाएगी उसके बाद बिलासपुर एयरपोर्ट को 4c एयरपोर्ट पर बदलने के लिए रनवे की लंबाई वर्तमान 1500 मीटर और चौड़ाई 30 मीटर से बढ़ाकर काम से कम 2200 मीटर लंबाई और 45 मीटर चौड़ाई करना जरूरी होगा।

क्योंकि इससे छोटे रनवे पर एयरबस और बोइंग आदि विमान संचालित नहीं हो सकते और वर्तमान में घरेलू हवाई सुविधा में सर्वाधिक संख्या में एयरबस और बोइंग विमान ही उपयोग किया जा रहे हैं। 4c एयरपोर्ट पर बदलने के लिए बिलासपुर में एक नया टर्मिनल भवन जो करीब 500 यात्रियों को एक बार में हैंडल कर सके और साथ ही साथ एक नया एटीसी टावर भी आवश्यक होगा।

इन सब कार्यों में अनुमानित 400 करोड रुपए की राशि खर्च होने की संभावना है। हमारी आपसे अपेक्षा है कि इस हेतु जहां आप केंद्र सरकार से अधिकाधिक अनुदान राज्य सरकार को दिलाने का प्रयास करें वही साथ ही साथ राज्य सरकार से अपने बजट में बिलासपुर एयरपोर्ट को विकसित करने के लिए आवश्यक राशि देने का अनुरोध भी करें।

इसके अलावा एक मांग यह है कि आप माननीय नागरिक उड्डयन मंत्री भारत सरकार से अनुरोध कर देश में संचालित अन्य एयरलाइन कंपनियां को बिलासपुर से उड़ान प्रारंभ करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु विशेष प्रयास करने का अनुरोध करें।

वर्तमान में बिलासपुर एयरपोर्ट पर ऐ टी आर, एंब्रारर और बॉम्बार्डियर श्रेणी के विमान संचालित हो सकते हैं। ऐसे विमान देश में इंडिगो एलाइंस एयर स्पाइसजेट स्टार एयरवेज आदि एयरलाइन कंपनियों के पास है। इन्हें बिलासपुर से देश के चारों दिशाओं में काम से कम एक-एक महानगर तक सीधी उड़ान प्रारंभ करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

हमें आप से आशा ही नहीं आप पर पूर्ण विश्वास है कि आप हमारी इन जायज मांगों को उठाने में अपनी तरफ से कोई कोर कसर नहीं रखेंगे।

तोखन साहू से मुलाकात के समय राकेश तिवारी और ऋषि केसरी भी विशेष रूप से उपस्थित थे ।वहीं समिति के प्रतिनिधिमंडल में सर्व  रवि बनर्जी ,अशोक भंडारी, देवेंद्र सिंह ठाकुर ,बद्री यादव, समीर अहमद बबला ,अनिल गुलहरे ,गोपी राव ,बद्री प्रसाद कैव्रत पवन पांडे ,प्रतीक तिवारी ,संतोष पीपलवा और सुदीप श्रीवास्तव शामिल थे।

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