रायपुर में वायरल फीवर से हाहाकार.. बिलासपुर में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत नाजुक.. ख्याली पुलाव पका रहा प्रशासन

रायपुर/बिलासपुर। राजधानी रायपुर और आसपास के क्षेत्रों में इन दिनों वायरल फीवर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मौसम में बदलाव और बारिश के बाद बढ़ी नमी से संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ गया है। सरकारी और निजी अस्पतालों में रोजाना बड़ी संख्या में लोग सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि मरीजों की संख्या सामान्य दिनों की तुलना में 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ चुकी है।
डॉ. अंबेडकर अस्पताल, जिला अस्पताल, हमर अस्पताल और हमर क्लीनिक में रोजाना रिकॉर्ड संख्या में मरीज आ रहे हैं। डॉ. अंबेडकर अस्पताल में जहां पहले औसतन 300 मरीज पहुंचते थे, वहीं अब 400 से 500 तक मरीज रोजाना इलाज के लिए आ रहे हैं। इसी तरह जिला अस्पताल में सामान्य दिनों के मुकाबले दोगुने से अधिक मरीज वायरल फीवर से संबंधित बीमारियों के साथ पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि शुरुआती लक्षण दिखने पर लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है, क्योंकि यही संक्रमण आगे चलकर डेंगू, मलेरिया और टाइफाइड जैसी बीमारियों का रूप ले सकता है।
इस बढ़ते खतरे का असर बिलासपुर और आसपास के जिलों पर भी दिखाई देने लगा है। यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था पहले से ही संसाधनों और विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी से जूझ रही है। बिलासपुर जिला अस्पताल और सिम्स में वायरल फीवर से ग्रसित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे स्वास्थ्य विभाग के सामने चुनौती और बड़ी हो गई है। जानकार मानते हैं कि अगर समय रहते सतर्कता नहीं बरती गई तो बिलासपुर में मरीजों का दबाव रायपुर से भी ज्यादा गंभीर हालात पैदा कर सकता है।
जानकारी देते चले की पूरे प्रदेश में बिलासपुर की स्वास्थ्य व्यवस्था बहुत ही नाजुक्ता और से गुजर रही है। प्रदेश में बिलासपुर स्वास्थ्य व्यवस्था को प्रत्येक अभियान में 30 से 31वां स्थान हासिल है। संभाग में हर योजनाओं में बिलासपुर स्वास्थ्य महात्मा ऑफिशल डी साबित हो चुका है। करीब 5 दिन पहले ही प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार बिलासपुर पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर 33 व स्थान पहुंच चुका है। अंदर ही अंदर इस बात को लेकर प्रशासन चिंतित तो है लेकिन व्यवस्था को दुरुस्त करता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसी स्थिति में वायरल प्रकोप के बीच बिलासपुर संभाग की जनता लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच कितनी सुरक्षित रहती है यह तो समय ही बताएगा।