लुत्ती डैम टूटा, आधी रात आई बाढ़: दो घर बहाए, तीन की मौत, कई लोग लापता.. जल संसाधन विभाग कागजों में करता रहा मेंटेनेंस

रामानुजगंज..(पृथ्वीलाल केसरी)…छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में जल संसाधन विभाग की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। ततापानी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला लुत्ती डैम देर रात भारी बारिश के बाद टूट गया,।जिससे गांव में अचानक बाढ़ आ गई। भीषण घटना में दो घर पूरी तरह बह गए, तीन लोगों की मौत हो गई और कई ग्रामीण अब भी लापता बताए जा रहे हैं।
घटना के बाद गांव में मातम का माहौल है। जानकारी के अनुसार, डैम का निर्माण लगभग 50 साल पहले किया गया था । रखरखाव जल संसाधन विभाग के जिम्मे था। ग्रामीणों का आरोप है कि डैम में लंबे समय से रिसाव हो रहा था। बावजूद इसके विभाग ने कभी गंभीरता नहीं दिखाई। मेंटेनेंस का काम वर्षों से सिर्फ कागजों तक सीमित रहा।
बिना अलर्ट आई बाढ़, नींद में बह गए लोग
बताया जा रहा है कि लगातार दो महीने से भारी बारिश के बावजूद जल संसाधन विभाग की ओर से कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया। रात करीब 3 बजे डैम टूटने से ऊंचाई पर बने दो घर पानी में बह गए। ग्रामीणों के अनुसार, दोनों परिवार गहरी नींद में थे और उन्हें बाहर निकलने का समय तक नहीं मिला।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, SDRF जुटी
घटना की जानकारी मिलते ही कलेक्टर राजेंद्र कुमार कटारा और पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर रमनलाल मौके पर पहुंचे। रातभर चले रेस्क्यू ऑपरेशन में दो शव बरामद किए गए। सुबह होते-होते एक और शव मिला, जिससे मृतकों की संख्या तीन हो गई। एसडीआरएफ की टीम लापता लोगों की तलाश में जुटी हुई है। कई मवेशी भी बाढ़ में बह गए हैं।
ग्रामीणों का गुस्सा, जिम्मेदारी तय करने की मांग
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि अगर समय रहते मरम्मत और अलर्ट जारी किया जाता, तो यह हादसा टल सकता था। ग्रामीणों का कहना है कि डैम का निर्माण पहाड़ी के नीचे किया गया था, लेकिन विभाग हर साल सिर्फ कागजों पर मरम्मत दिखाकर खानापूर्ति करता रहा। अब इस लापरवाही का खामियाजा पूरे गांव को भुगतना पड़ रहा है।