Jabalpur News : जर्जर भवनों में किसी भी स्थिति में न लगाई जाये कक्षा

Jabalpur News ।जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में आज शनिवार को विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयकों, विकासखण्ड अकादमिक समन्वयकों एवं जनशिक्षकों की “ह्यूमन केपिटल फॉर विकसित भारत” विषय पर तथा जर्जर शाला भवनों की समीक्षा के लिये दो सत्रों में कार्यशाला आयोजित की गई।
कार्यशाला में जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी, जिला परियोजना समन्वयक योगेश शर्मा तथा जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य अजय दुबे मौजूद थे।
कार्यशाला के दूसरे सत्र में विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक, विकासखण्ड अकादमिक समन्वयकों, जन शिक्षकों एवं उपयंत्रियों को निर्देशित किया गया कि अगले दो दिनों में सभी शालाओं का निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करें कि जर्जर भवनों में किसी भी स्थिति में कक्षाओं का संचालन न हो।
उन्हें शाला भवन के साथ-साथ शौचालय, किचन शेड का भी सूक्ष्म निरीक्षण करने तथा जर्जर हो चुके भवनों को गिराने की तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश देते हुये यह सुनिश्चित करने भी कहा गया कि शाला भवनों की छत पर जल भराव किसी स्थिति में न हो, बिजली के तार कटे अथवा खुले न हों।
जिन विद्यालयों में निर्माण कर हो रहा है वहां अवरोधक लगाये जाने के निर्देश दिये गये, ताकि बच्चे उस तरफ न जा पायें। जर्जर एवं खतरनाक हो चुके शाला भवनों, कक्षाओं, स्थलों पर फ्लेक्स आदि के माध्यम से सूचना प्रदर्शित करने के निर्देश भी दिये गये।
विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयकों, विकासखण्ड अकादमिक समन्वयकों, जनशिक्षकों और उपयंत्रियों को बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के तथा शाला अनुदान का उपयोग विद्यार्थियों की सुरक्षा साफ सफाई, मरम्मत, जल निकासी, वायरिंग आदि कार्यों में करने के निर्देश कार्यशाला में दिये गये।
इसके साथ ही उन्हें परिस्थितियों को देखते हुए निर्णय लेने तथा जर्जर अथवा क्षतिग्रस्त भवनों में लग रहे विद्यालय या कक्षाओं को अन्य सुरक्षित भवन में शिफ्ट करने की हिदायत भी दी गई।
सभी विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयकों एवं जनशिक्षकों को अपनी निरीक्षण रिपोर्ट से वरिष्ठ कार्यालय को अवगत कराने भी कहा गया।
इसके पहले कार्यशाला के प्रथम सत्र में राज्य शासन के निर्देशानुसार नई शिक्षा नीति को संदर्भ में “ह्युमन कैपिटल फॉर विकसित भारत” विषय पर चर्चा की गई। जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी, जिला परियोजना समन्वयक योगेश शर्मा, डायट प्राचार्य अजय दुबे सहित राज्य विज्ञान शिक्षण संस्थान, प्रांतीय शिक्षा महाविद्यालय एवं विषय विशेषज्ञों द्वारा पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुतीकरण दिया गया।
विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयकों एवं जनशिक्षकों ने इस विषय पर दिये गये प्रपत्र में अपने-अपने सुझाव दिये। कार्यशाला में बुनियादी कौशल, परिणाम आधारित शिक्षा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर विचार साझा करते हुये कहा कि पाठ्यक्रम एवं कक्षाओं का संचालन विकसित भारत के निर्माण के लिये हो।
शिक्षा ऐसी हो जो बच्चों के व्यवहार में विकसित भारत के निर्माण में सकारात्मक परिवर्तन लाये।