MP Medical College-मेडिकल कॉलेजों में पैथोलॉजी जांच आउटसोर्स से कराना अनुचित, टीचर्स एसोसिएशन ने जताया विरोध
एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राकेश मालवीय ने पत्र में लिखा है कि प्रदेश के सभी शासकीय और स्वशासी मेडिकल कॉलेजों में पहले से ही पैथोलॉजी विभाग मौजूद है।

MP Medical College-मध्य प्रदेश के शासकीय मेडिकल कॉलेजों में पैथोलॉजी जांच को आउटसोर्स एजेंसी से कराए जाने के फैसले का विरोध शुरू हो गया है।
प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला को पत्र लिखकर इस व्यवस्था को तुरंत खत्म करने की मांग की है। एसोसिएशन का कहना है कि यह जिम्मेदारी सीधे मेडिकल कॉलेजों को दी जानी चाहिए।
MP Medical College-एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राकेश मालवीय ने पत्र में लिखा है कि प्रदेश के सभी शासकीय और स्वशासी मेडिकल कॉलेजों में पहले से ही पैथोलॉजी विभाग मौजूद है।
यहां न केवल आधुनिक लैब और आवश्यक संसाधन हैं बल्कि एमडी-एमएस कर रहे क्वालिफाइड डॉक्टर और स्टूडेंट्स भी हैं, जिनका काम ही पैथोलॉजी जांच करना और नए छात्रों को प्रशिक्षित करना है। ऐसे में निजी एजेंसी को ठेका देना औचित्यहीन है।
MP Medical College-डॉ. मालवीय ने यह भी कहा कि जिस बजट से निजी एजेंसियों को भुगतान किया जा रहा है, अगर उतना ही फंड मेडिकल कॉलेजों को उपलब्ध कराया जाए तो वे और बेहतर तरीके से जांच कर सकते हैं।
उन्होंने हाल ही में सामने आई पैथोलॉजी जांचों में गड़बड़ी की शिकायतों का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी स्थितियां भविष्य में दोबारा न हों, इसके लिए आउटसोर्सिंग की बजाय सीधे मेडिकल कॉलेजों को यह जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।
एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री से अपील की है कि राज्य में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता और विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए यह व्यवस्था तुरंत बंद की जाए और पैथोलॉजी जांचों का काम केवल शासकीय मेडिकल कॉलेजों के हवाले किया जाए।