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ssc recruitment scam- SSC घोटाले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: निर्दोष शिक्षकों को मिली राहत, लेकिन सरकार को 31 दिसंबर तक करनी होगी नई भर्ती

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि 31 मार्च से नई भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत की जाए और इसे 31 दिसंबर तक हर हाल में पूरा किया जाए। साथ ही सरकार को यह भी हिदायत दी गई है कि प्रक्रिया में किसी भी तरह की देरी न हो, ताकि योग्य उम्मीदवारों को समय पर अवसर मिल सके और शिक्षा व्यवस्था फिर से पटरी पर आ सके।

ssc recruitment scam/पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में फंसे हज़ारों शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया है कि जिन शिक्षकों की नियुक्ति निष्पक्ष तरीके से हुई थी और जिन पर किसी तरह की धांधली के आरोप नहीं हैं, वे अपनी सेवाएं तब तक जारी रख सकते हैं जब तक कि राज्य सरकार नई नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं कर लेती।

ssc recruitment scam/यह फैसला उन हजारों ईमानदार शिक्षकों के लिए उम्मीद की किरण बनकर आया है, जिनका भविष्य लंबे समय से अधर में लटका हुआ था।

ssc recruitment scam/2016 में आयोजित की गई स्कूल सेवा आयोग (SSC) की भर्ती प्रक्रिया को लेकर जो अनियमितताएं सामने आई थीं, उन्होंने न केवल प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े किए थे, बल्कि शिक्षा व्यवस्था की नींव को भी हिला कर रख दिया था। कोर्ट की सख्ती के चलते जहां कई दोषी शिक्षक और अधिकारियों पर कार्रवाई हुई, वहीं निर्दोष लोग भी इस जांच के दायरे में आ गए और अपनी नौकरियों को लेकर अनिश्चितता में जीने को मजबूर हो गए। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि जांच के दौरान जिन पर कोई आरोप नहीं साबित हुआ है, वे नई नियुक्ति तक अपने पदों पर बने रह सकते हैं।

हालांकि कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि ग्रुप C और ग्रुप D की नियुक्तियों में भारी गड़बड़ी पाई गई है, इसलिए इन श्रेणियों में किसी को राहत नहीं मिलेगी। इसके पीछे वजह यह बताई गई है कि इस स्तर पर सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार और धांधली के मामले सामने आए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि 31 मार्च से नई भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत की जाए और इसे 31 दिसंबर तक हर हाल में पूरा किया जाए। साथ ही सरकार को यह भी हिदायत दी गई है कि प्रक्रिया में किसी भी तरह की देरी न हो, ताकि योग्य उम्मीदवारों को समय पर अवसर मिल सके और शिक्षा व्यवस्था फिर से पटरी पर आ सके।

गौरतलब है कि यह पूरा घोटाला उस वक्त उजागर हुआ जब यह सामने आया कि मेरिट लिस्ट में हेरफेर कर कम अंक पाने वालों को नौकरी दी गई, जबकि ज्यादा अंक वालों को दरकिनार कर दिया गया। साल 2022 में मामले में सीबीआई की एंट्री हुई और पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी से पूछताछ शुरू हुई। जांच में उनके करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से करोड़ों रुपये की नकदी मिलने के बाद मामला और भी गरमा गया।

यह खुलासा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार के लिए बड़ा झटका साबित हुआ और राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज हो गई।

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