फर्जी ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र कांड: बिलासपुर तहसील से गायब फाइलें.. रतनपुर तक फैला नेटवर्क

बिलासपुर… मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्रों की फर्जीवाड़े की परतें खुलने लगी हैं। तहसील कार्यालय की जांच में तीन छात्राओं — सुहानी सिंह, श्रेयांशी गुप्ता और भाव्या मिश्रा के दस्तावेज़ संदिग्ध पाए गए हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन तीनों के आवेदन तहसील रजिस्टर में दर्ज ही नहीं हैं और प्रमाणपत्रों से जुड़ी फाइलें रहस्यमय ढंग से गायब हो गई हैं। प्रशासन अब इस मामले को संगठित नेटवर्क की साजिश के रूप में देख रहा है।
तहसील कार्यालय में दस्तावेज़ों का मेल नहीं
रविवार को दस्तावेज़ सत्यापन के दौरान जांच अधिकारियों को कई गंभीर विसंगतियां मिलीं। प्रमाणपत्रों पर लगी सील और हस्ताक्षर अलग-अलग थे—कहीं “न्यायालय कार्यपालिका दंडाधिकारी बिलासपुर” लिखा था, तो कहीं केवल “कार्यपालिक दंडाधिकारी”। इसके अलावा, जिन रजिस्टरों में आवेदन क्रमांक दर्ज होने चाहिए थे, उनमें इन तीनों छात्राओं का कोई नाम तक नहीं था।
कलेक्टर का सख्त रुख, रीडर को नोटिस
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए तहसील कार्यालय के रीडर को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा,
“दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। पूरे नेटवर्क को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई होगी।”
सोमवार को व्यक्तिगत पेशी, हो सकते बड़े खुलासे
जांच दल ने तीनों छात्राओं को सोमवार को व्यक्तिगत रूप से नोटिस देकर बुलाया गया । तहसीलदार गरिमा सिंह ने बताया कि कुल आठ प्रकरणों में पांच की फाइलें सही मिलीं है। तीन मामलों में डुप्लीकेट सील और फर्जी हस्ताक्षर पाए गए हैं। उन्होंने कहा,
“अब हम इस मामले को जड़ से खंगालेंगे। पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करेंगे।”
रतनपुर से भी जुड़ा संदिग्ध प्रकरण
इसी बीच तहसीलदार गरिमा सिंह ने जानकारी दी कि रतनपुर से भी ऐसा ही एक प्रकरण सामने आया है। जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
प्रशासन ने रायपुर से भी मांगा स्पष्टीकरण
जांच का दायरा अब रायपुर तक भी बढ़ा दिया गया है। सत्यापन प्रक्रिया का आदेश चिकित्सा शिक्षा आयुक्त कार्यालय से आया था। एसडीएम मनीष साहू का कहना है कि सोमवार की पूछताछ के बाद कई नए राज खुल सकते हैं। उन्होंने कहा,
“पूरी जांच प्रशासनिक पारदर्शिता के साथ होगी। यह मामला अब प्राथमिकता में है।”
फर्जीवाड़ा का नेटवर्क
- मेडिकल दाखिले के लिए बनाए गए फर्जी ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र उजागर। तीन छात्राओं के आवेदन तहसील रजिस्टर से गायब।दस्तावेज़ों पर अलग-अलग सील और हस्ताक्षर। तहसील रीडर को नोटिस, नेटवर्क की जांच तेज। रतनपुर से भी जुड़ा संदिग्ध मामला।रायपुर तक बढ़ा जांच का दायरा