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जीएसटी सुधार या जनता के साथ छल? घाटे, महँगाई और निगरानी पर उपमुख्यमंत्री ने दिया यह जवाब!

बिलासपुर… न्यू सर्किट हाउस में आयोजित पत्रकारवार्ता में उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी दरों में की गई कटौती को देशहित में ऐतिहासिक कदम बताते हुए इसे आर्थिक विकास की दिशा में बड़ा सुधार करार दिया। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है और अब इसे और सरल कर आमजन को राहत दी जा रही है। हालांकि कई महत्वपूर्ण सवालों पर उन्होंने स्पष्ट जवाब देने से बचते हुए केवल आश्वासन दिए कि “सरकार पूरा ध्यान रख रही है।”

जीएसटी का उद्देश्य – वन नेशन, वन टैक्स

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि 1 जुलाई 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जीएसटी लागू किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य देश में लगने वाले अनेक टैक्सों की जटिलता को समाप्त कर “वन नेशन-वन टैक्स” की व्यवस्था लाना था। उन्होंने बताया कि इससे पहले 17 प्रकार के अलग-अलग कर और 13 प्रकार के उपकर लगाए जाते थे, जिससे टैक्स पर टैक्स लगते थे। राज्यों की सीमाओं पर चेकिंग की लंबी लाइनें आम बात थी। अब यह व्यवस्था समाप्त कर 101वें संविधान संशोधन के तहत जीएसटी लागू हुआ।

राहत के दावे – किन क्षेत्रों को मिलेगा लाभ?

उन्होंने बताया कि कर स्लैब 4 से घटाकर 2 किया गया है, जिससे किसानों, महिलाओं, विद्यार्थियों, घरेलू उपयोग, दवा और चिकित्सा उपकरणों को बड़ी राहत मिलेगी। ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, थ्रेशर जैसे उपकरणों पर भी कर में कमी दी जा रही है। इसके अलावा राज्य सरकारों को पहले 32% हिस्सेदारी मिलती थी, जिसे बढ़ाकर 41 प्रतिशत कर दिया गया है। उनका दावा है कि इससे 140 करोड़ जनता को फायदा मिलेगा।

पलटवार – ‘गब्बर सिंह टैक्स’ का आरोप बेबुनियाद

जब पत्रकारों ने पूछा कि विपक्ष इस जीएसटी सुधार को “गब्बर सिंह टैक्स” कहकर आलोचना कर रहा है, तो उन्होंने कहा कि विपक्ष की बातें महत्वहीन हैं। उन्होंने याद दिलाया कि पहले कैसे टैक्स वसूला जाता था और कहा कि अब यह ऐतिहासिक निर्णय है, जिससे जनता को लाभ मिलेगा। उन्होंने विपक्ष के आरोपों को “बिना आधार” करार दिया।

48 हजार करोड़ का घाटा – जवाब में आश्वासन

पत्रकारों ने सीधे सवाल उठाया कि जीएसटी कटौती से 48 हजार करोड़ का नुकसान होगा, जिसमें छत्तीसगढ़ को अकेले 3.5 प्रतिशत का राजस्व नुकसान झेलना पड़ सकता है। इस पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने के समय राज्यों को 5 वर्षों तक क्षतिपूर्ति देने का प्रावधान था, जिसे पूरा कर दिया गया है। उन्होंने भरोसा दिया कि किसी राज्य को नुकसान नहीं होगा, लेकिन कोई स्पष्ट रोडमैप या दीर्घकालिक योजना साझा नहीं की।

पुराने वाले सामान पर निगरानी – अस्पष्ट उत्तर

बाजार में पहले से रखे पुराने सामान की एमआरपी पर असर किस तरह होगा, इस पर सवाल उठाया गया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य मिलकर निगरानी करेंगे ताकि लाभ सीधे उपभोक्ता तक पहुँचे। परंतु उन्होंने यह नहीं बताया कि यह निगरानी किस प्रक्रिया से होगी, कोई तंत्र या व्यवस्था स्पष्ट नहीं की गई।

ट्रांसपोर्टिंग कर वृद्धि – महँगाई का खतरा

पत्रकारों ने पूछा कि ट्रांसपोर्टिंग कर को 12 प्रतिशत स्लॉट से हटाकर 18 प्रतिशत के दायरे में लाया गया है । जायसी बात है इससे महंगाई बढ़ेगी। पेट्रोल, डीजल बिजली समेत, अनाज और अन्य सामान महंगे होंगे । सवाल उठता है कि क्या सरकार रिफॉर्म करने से पहले कोई रोड मैप तैयार किया है ।इसका समाधान क्या है? उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह बदलाव जनता को राहत देगा और नुकसान नहीं होगा, लेकिन महँगाई के प्रभाव को रोकने के लिए कोई नीति साझा नहीं की।

सूर्य घर योजना – सब्सिडी का हवाला

सवाल उठा कि सरकार की फ्लैगशिप योजना “सूर्य घर” के लिए कोई जीएसटी राहत क्यों नहीं दी गई। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य मिलकर सब्सिडी दे रहे हैं, लेकिन यह नहीं बताया कि योजना को और सफल बनाने के लिए क्या नई नीति या संसाधन जुटाए जाएंगे।

सवालों से बचाव – तथ्य से ज्यादा आश्वासन

 पत्रकारवार्ता में उपमुख्यमंत्री ने कई सवालों का जवाब देते समय तथ्यात्मक जानकारी देने की बजाय “पूरा ध्यान है”, “किसी को नुकसान नहीं होगा”, “केंद्र सरकार के साथ समन्वय है” जैसे शब्दों का अधिक उपयोग किया। घाटे की भरपाई, निगरानी प्रणाली, ट्रांसपोर्टिंग वृद्धि के असर और योजनाओं के क्रियान्वयन पर कोई स्पष्ट रोडमैप साझा नहीं किया गया।

उपमुख्यमंत्री ने जीएसटी कटौती को देशहित में राहत देने वाला कदम बताते हुए इसकी सफलता का दावा किया,। लेकिन विपक्ष द्वारा उठाए गए घाटे, महँगाई, निगरानी व्यवस्था और योजना क्रियान्वयन से जुड़े सवालों का ठोस उत्तर नहीं दिया। कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर उन्होंने केवल आश्वासन दिया और रोडमैप पर चुप्पी साध ली। आने वाले दिनों में यह स्पष्ट होगा कि क्या सरकार अपने दावों पर खरी उतरती है या ये बातें केवल राजनीतिक आश्वासन भर रह जाएँगी।

इन नेताओं की विशेष उपस्थिति

पत्रकार वार्ता के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक ,बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला, पूर्व जिला अध्यक्ष रामदेव कुमावत, जिला शहर भाजपा अध्यक्ष दीपक सिंह ठाकुर, जिला ग्रामीण भाजपा अध्यक्ष मोहित जायसवाल, प्रणव शर्मा, दुर्गेश पांडे, देवेश खत्री, अनमोल झा समेत अन्य भाजपा नेता विशेष रूप से उपस्थित थे।

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