ईडी की सियासी भूचाल..भूपेश बघेल के बेटे की गिरफ्तारी पर कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने.. सांसद की तीखी टिप्पणी

रायपुर..छत्तीसगढ़ की राजनीति एक बार फिर भ्रष्टाचार और सत्ता के टकराव के मुद्दे पर गरमा गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद प्रदेश की सियासी फिजा में बवाल मचा हुआ है। कांग्रेस जहां इसे राजनीतिक प्रतिशोध बता रही है, वहीं भारतीय जनता पार्टी के नेता इस कार्रवाई को सत्य के उजागर होने का परिणाम बता रहे हैं।
बीजेपी सांसद संतोष पांडे ने इस मसले पर बेहद तीखा बयान देते हुए कहा कि,
“भूपेश बघेल और उनके बेटे ने समाज सेवा नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के खजाने को अपने घर में भरने का काम किया है।”
उन्होंने कांग्रेसियों द्वारा गिरफ्तारी के विरोध में किए जा रहे धरने-प्रदर्शनों को ढकोसला करार देते हुए सवाल उठाया कि,
“क्या चैतन्य बघेल समाज सेवा कर रहे थे या जनता के धन का दुरुपयोग?”
पांडे ने दावा किया कि यह सिर्फ एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं है, बल्कि यह उस संगठित भ्रष्टाचार तंत्र पर चोट है, जिसने 2,500 करोड़ रुपये की लूट को अंजाम दिया। उन्होंने कहा कि ईडी की कार्रवाई में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, कारोबारी अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और 22 निलंबित आबकारी अधिकारी भी जांच के घेरे में हैं।
“छत्तीसगढ़िया” की आड़ में ठगी?
सांसद संतोष पांडे ने भूपेश बघेल पर “छत्तीसगढ़िया संवेदना” का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि,
“उन्होंने इस नारे के सहारे प्रदेश की जनता को ठगा और खुद को राजनीतिक शहीद साबित करने की कोशिश की।”
कांग्रेस का पलटवार संभव
कांग्रेस की ओर से भले ही इस पूरे मामले को राजनीतिक साजिश और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग की संज्ञा दी जा रही हो, लेकिन बीजेपी का आरोप है कि यह सब पुख्ता दस्तावेजी सबूतों पर आधारित कार्रवाई है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार विपक्ष को दबाने के लिए ईडी जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है।
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