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बच्चे 2 ही अच्छे…4 संतान में गुरूजी चली गयी नौकरी..जांच पड़ताल में खुला राज..डायरेक्टर ने व्याख्याता को सुनाया फरमान
चार संतान होने के जूर्म में शासन ने किया व्याख्यता को बर्खास्त

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बिलासपुर—-शिक्षा विभाग ने एलबी शिक्षक को चार संतान होने के जुर्म में बर्खास्त कर दिया है। बताया जा रहा है कि शिक्षक ने नियुक्ति के समय संतान संख्या को छिपाया। जांच पड़ताल में दो से अधिक संतान की पुष्टि होने पर डायरेक्टर ने शिक्षक नवरतन जायसवाल को बर्खास्त कर दिया है। आदेश को लेकर शिक्षको में जमकर हलचल है। बर्खास्त एलबी शिक्षक शासकीय हाईस्कूल सोन विकासखण्ड मस्तूरी में कार्यरत है।
मामला मस्तूरी ब्लाक स्थित शासकीय हाईस्कूल सोन का है। शिक्षा विभाग ने चार संतान होने के जुूर्म में व्याख्याता एलबी शिक्षक नवरतन जायसवाल को बर्खास्त कर दिया है। शासन के अनुसार शिक्षाकर्मी से एलबी शिक्षक बने नवरतन जायसवाल ने नियुक्ति के समय शर्तों के खिलाफ जाते हुए संतान संख्या की गलत जानकारी दी है।
चार संतान की शिकायत मिलने पर शासन ने 4 मई 2021 को आदेश जारी कर जिला शिक्षा अधिकारी को जाँच प्रतिवेदन पेश करने को कहा। 18 अगस्त 2022 को संभागीय संयुक्त संचालक को आदेश दिया गया कि शिकायत में जांच पड़ताल कर प्रतिवेदन पेश करें। आदेश का पालन करते हुए संभागीय संयुक्त संचालक, शिक्षा विभाग ने 23 नवम्बर 2022 को जांच प्रतिवेदन पेश किया।
डायरेक्टरोरेट ने दोनों जॉच प्रतिवेदन में पाया कि 27 जून 20211 के छ.ग. पंचायत शिक्षाकर्नी नियम 2007…..,समय-समय पर जारी संशोधित नियम, शर्तों के अनुसार व्याख्याता नवरतन जायसवाल की नियुक्ति शिक्षाकर्मी वर्ग-01 के पद पर हुई थी। नियुक्ति के समय
जायसवाल की 4 संतान होने का उल्लेख है। प्रतिवेदन में बताया गया कि दो संतान का जन्म 28 जनवरी .2001 के बाद हुआ।
इस प्रकार व्याख्याता जायसवाल की नियुक्ति (शिक्षाकर्मी वर्ग- 1 वर्तमान में व्याख्याता एल.बी. के पद पर सेवा शर्तों के विपरीत है। प्रतिवेदन के अनुसार जायसवाल की नियुक्ति अवैधानिक होने कारण अपचारी लोक सेवक के विरूद्ध छ.ग. शिविल सेवा नियम 1968 के
नियम 10 ( 9 ) के तहत सेवा से बर्कास्त किया जाना जरूरी है। जांच पड़ताल के बाद फैसला से पहले शिक्षक जायसवाल को अपनी बातों को रखने का अवसर दिया गया।
संचालनालय ने 21 फरवरी 2024 को शासन ने जायसवाल को कारण बताओ नोटिस दिया गया। साथ ही बचाव में जरूरी दस्तावेज के साथ पेश होने को कहा गया। अपनी सफाई में शिक्षक जायसवाल ने बताया कि नियुक्ति के रामय उसके चार जीवित संतान थे। लेकिन सामाजिक गोदनामा प्रक्रिया के तहत अपने 2 संतान को कोरबा जिला के बरपाली तहसील स्थित पाहंदा निवासी निरंजन जायसवाल को दिया है।
सुूनवाई के बाद शासन ने माना कि जायसवाल ने 2 से अधिक जीवित संतान होने की जानकारी को छिपाया है। ऐसा किया जाना छत्तीसगढ सिविल सेवा के खिलाफ है। जबकि नियुक्ति आदेश में स्प्ष्ट है कि “नियुक्ति पूर्णतः अस्थायी है। चयन के समय जायसवाल ने जानकारी को छिपाया है। जबकि सेवा शर्त में स्पष्ट है कि ऐसे उम्मीदवार जिनके 2 से अधिक संतान जीवित है। एक का जन्म 26 जनवरी 2001 या इसके बाद हुआ है तो सेवा शर्तों का उल्लंघन माना जाएगा।
जाँच में पा्ए गए तथ्यों और और बचाव में दिए गए दस्तावेजों के आधार नवरतन जायसवाल को सेवा से बर्खास्त किया जाता है। जानकारी देते चलें कि नवरतन जायसवाल वर्तमान में शासकीय हाई स्कूल सोन में व्याख्याता के रूप में काम कर रहे हैं।