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चेतना..चलो ‘‘आओ संवारे कल अपना‘‘..प्रतिभा को देख पुलिस अधिकारी दंग..कहा..ऐसे कार्यक्रम व्यक्तित्व निर्माण में सहायक

बच्चों की प्रतिभा देखकर अधिकारियों ने कहा...ऐसे होगा सर्वांगीण विकास

बिलासपुर–बिल्हा में आयोजित ’कार्यक्रम, चेतना, ‘‘आओ संवारे कल अपना‘‘ कार्यक्रम का गरिमामयी समापन हुआ। वरिष्ठ पुलिस कप्तान रजनेश सिंह की विशेष दिशा निर्देश पर बच्चों के लिए आयोजित कार्यक्रम को अभिभावकों ने भी जमकर पसंद किया। तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिता में बच्चों की प्रतिभा देखकर पुलिस अधिकारियों को भी दातों तले अगुंली दबाने को मजबूर होना पड़ा। पुलिस अधिकारियों ने कहा इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजन से ना केवल शारीरिक और मानसिक विकास होता है। बल्कि सम्पूर्ण व्यक्तितत्व का भी विकास होता है।
जानकारी देते चलें कि पिछले कुछ दिनो से अलग अलग थाना स्तर पर वरिष्ठ पुलिस कप्तान रजनेश  सिंह के आदेश पर युवाओ और बच्चों को केन्द्र में रखकर चेतना …आओ संवारे कल अपना अभियान चलाया जा रहा है। महमंद और बिलासपुर के बाद वरिष्ठ पुलिस कप्तान के विशेष निर्देश पर बिल्हा ब्लाक के ग्राम गोढडी में तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन 28 अप्रैल से शुरू होकर 30 अप्रैल को समापन हुआ।
कार्यक्रम में पुलिस के आलाधिकारियों ने भी शिरकत किया। सभी अधिकारियों ने कार्यक्रम में शामिल होने वाले बच्चों को जमकर उत्साहित भी किया। तीन दिवसीय कार्यक्रम में बालक- बालिकाओं के बीच खो-खो, पेन्टिग, रंगोली, वाद विवाद प्रतियोगिता समेत  बालीबाल, योगा और निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
सभी प्रकार की प्रतियोगिता में बच्चे और बच्चियों ने बढचढकर हिस्सा लिया। पुलिस के आलाधिकारियों समेत स्थानीय गणमान्य लोगों की मौजूदगी में 30 अप्रैल को कार्यक्रम का गरिमामय समापन हुआ। अतिरिक्त पुलिस कप्तान राजेन्द्र जायसवाल ने बताया कि तीन दिवसीय कार्यक्रम में 60-65 बच्चो ने नियमित भाग लिया। इस दौरान सभी बच्चों ने अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित कर उपस्थित लोगों को दांतो तले अगूंली दबाने को मजबूर किया।
राजेन्द्र जायसवाल ने बताया कि पुलिस कप्तान रजनेश सिंह के आदेश पर आयोजित कार्यक्रम जगह जगह जमकर सफलता मिल रही है। भविष्य मे अन्यत्र स्थल पर इस स्तर का कार्यक्रम गंभीरता के साथ आयोजित किया  जायेगा। कार्यक्रम के सफल आयोजन मे थाना बिल्हा स्टाफ निरीक्षक उमेश कुमार साहू,  सुमंत चंद्रवंशी, शिक्षकगण डाॅ. एस.एन. पाण्डेय, पीटीआई हितेश कुमार ,अजय झा, आशीष सोनी, दीपक सन्नाट्य, इन्दुलता सोनी व आरती पाण्डेय का सराहनीय योगदान रहा है।

 

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