CG NEWS: कांग्रेस के “फ्लॉप शो” की तैयारी….! “सम्मान चोर – पद छोड़” का नारा क्यों है चर्चित…. ?

CG NEWS:बिलासपुर ।छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने बिलासपुर में प्रदेश स्तरीय “वोट चोर – गद्दी छोड़” रैली का आयोजन किया है। यह आयोजन 9 सितंबर मंगलवार को मुंगेली नाका के मैदान में आयोजित किया जा रहा है। लेकिन जिस माहौल में इस रैली की तैयारी की गई है, उससे लगता है कि क्या कांग्रेस का प्रदेश स्तरीय शो फ्लॉप साबित होने वाला है और कांग्रेस पर ही उल्टा पड़ने वाला है । पार्टी के अंदर ही कई सवाल तैर रहे हैं और रैली से पहले कांग्रेसियों के बीच “वोट चोर – गद्दी छोड़” की बजाय “सम्मान चोर – पद छोड़” का नारा चर्चित हो गया है। लोगों के बीच यह सवाल भी है कि पिछले कुछ समय से कांग्रेस बड़े कार्यक्रमों के लिए बिलासपुर को ही क्यों चुन रही है…? क्या पैराशूट से उतार कर एक नेता को स्थापित करने के लिए यह कवायद चल रही है…? इस कवायद में बिलासपुर जिले के आम कांग्रेसी ही अपना सम्मान बचाने में लगे हैं। ऐसे में पार्टी इस तरह के आयोजन के जरिए अपनी कोई पहचान बना पाएगी, इसमें लोगों को संदेह नजर आ रहा है।
बिहार में हुए एसआईआर के विरोध और राहुल गांधी की ओर से किए गए कर्नाटक के खुलासे के बाद कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर वोट चोर गद्दी छोड़ का अभियान शुरू किया है। इस सिलसिले में छत्तीसगढ़ का राज्य स्तरीय कार्यक्रम बिलासपुर में मंगलवार को आयोजित किया जा रहा है। जिसमें पार्टी के कई दिग्गज नेता शामिल हो रहे हैं। कांग्रेसियों को उम्मीद है कि इस रैली के जरिए उनकी पार्टी छत्तीसगढ़ में भी वोट चोरी के मुद्दे को जन-जन तक पहुंचाने में कामयाब होगी। लेकिन जिस तरह के माहौल में बिलासपुर में इस रैली की तैयारी हुई है, उसे देखकर सियासी हल्कों में माना जा रहा है कि यह शो कांग्रेस पर ही उल्टा पड़ सकता है और एक राष्ट्रीय मुद्दे को लेकर पार्टी की शुरुआत में ही ग्रहण लग सकता है । हुआ यह है कि इस रैली की वजह से पार्टी की अंदरूनी खींचतान भी सतह पर आ गई है। लोग बिलासपुर जिला ग्रामीण और शहर कांग्रेस कमेटी के रवैये को याद कर रहे हैं। पिछले कई चुनाव खासकर नगरीय निकाय के चुनाव के समय की खींचतान एक बार फिर चर्चा में है।
इधर एक सवाल यह भी तैर रहा है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के बड़े कार्यक्रमों के लिए बिलासपुर को ही क्यों चुना जा रहा है ? पहले संविधान बचाओ रैली और दूसरे कार्यक्रमों के लिए बिलासपुर को चुना गया था। लोग यह भी जानना चाह रहे हैं कि उत्तर छत्तीसगढ़ में बिलासपुर के अलावा जांजगीर, कोरबा, रायगढ़ और सरगुजा के इलाके भी हैं।इसी तरह रायपुर , दुर्ग, राजनांदगांव, महासमुद, बस्तर का इलाका भी है। सरगुजा में तो पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का एक तरफा सफाया भी हो गया है और बीजेपी ने वहां हर एक जिले को एक मंत्री दे दिया है। ऐसे इलाके में कांग्रेस को फिर से खड़ा करने के लिए कोई कार्यक्रम की तैयारी क्यों नहीं हो रही है….? आपसी बातचीत में सवाल तो यह भी है कि क्या दूसरे जिले के एक नेता को स्थापित करने के लिए इस तरह के कार्यक्रम बिलासपुर में कराए जा रहे हैं ? बिलासपुर से चुनाव लड़ चुके कांग्रेस के इस नेता को समय-समय पर पार्टी की कमान सौंपी जाती है। इस बार भी “वोट चोर गद्दी छोड़” रैली के पहले इस नेता ने बिलासपुर में मुकाम किया और दो दिन के भीतर जिला कांग्रेस कमेटी की मैराथन मीटिंग ली। कांग्रेस पार्षदों की बैठक भी ली गई। उनकी ओर से ही कांग्रेस के लोगों को रैली की सारी जिम्मेदारी सौंपी गई और संसाधन उपलब्ध कराए गए। कौन क्या करेगा… क्या नहीं करेगा इसका फैसला भी उनकी ओर से ही लिया जा रहा है।
इधर पार्टी संगठन के बीच अपना सम्मान तलाश रहे पार्टी के ही लोगों के बीच इस रैली के दौरान “सम्मान चोर- पद छोड़” का नारा चर्चा में है। कांग्रेसियों के बीच यह मुद्दा भी चर्चित है की एक तरफ सत्ता में रहने के बावजूद भाजपा का संगठन बूथ, सेक्टर, मंडल और जिला स्तर तक चाकचौबंद नजर आ रहा है। दूसरी तरफ संगठन सृजन अभियान के बीच कांग्रेस संगठन की मजबूती को लेकर कोई हलचल नजर नहीं आ रही है। यहां तक की प्रभारी का भी टोटा है और एक ही नेता को कई जगह प्रभारी बनाया जा रहा है। ऐसे में वोट चोर गद्दी छोड़ जैसा अभियान पार्टी के लिए फायदेमंद होने की बजाय और बूमरैंग करता हुआ दिखाई दे रहा है। जिसकी झलक तैयारी में भी देखी गई है।