BilaspurChhattisgarh
भूपेश बघेल का पपेट नहीं हूं…खिलाफ में प्रदर्शन किया हूं…देवेन्द्र राष्ट्रीय नेता नहीं…बिलासपुर की जनता ने बुरी तरह से हराया
बिलासपुर की अस्मिता और पहचान के लिए लड़ा चुनाव..थोपा प्रत्याशी मंजूर नहीं

बिलासपुर—छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट अधिवक्ता समाजसेवी सुदीप श्रीवास्तव ने कहा कि मैं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पपेट नहीं हूं। मुझ पर कोई दबाव भी नहीं डाल सकता है। मैं बिलासपुरिया हूं..मुझे अपने बिलासपुर के हितों की चिंता है..और करता भी हूं। मुझे यहां से लेकर दिल्ली तक सभी लोग जानते हैं…मैं किसी के दबाव या बहकावे में आना वाली भी नहीं हूं। सुनकर हंसी आती है कि मै भूपेश बघेल के इशारे पर देवेन्द्र यादव को हराने के लिए चुनाव लड़ा। मुझे मंजूर नहीं कि कोई दुर्ग भिलाई से आकर बिलासपुर में चुनाव लड़े। देवेन्द्र यादव राष्ट्रीय नेता नहीं है। रही बात चुनाव हारने की तो बताना जरूरी है कि अटल बिहार वाजपेयी और राहुल गांधी भी चुनाव हार चुके हैं।
कांग्रेस में इस समय भगदड़ मची है। बात सामने आ रही है कि देवेन्द्र यादव को हराने के लिए सुदीप श्रीवास्तव को चुनाव मैदान में उतारा गया। लगाए गए आरोप को दरकिनार करते हुए सुदीप श्रीवास्तव ने कहा कि यहां से दिल्ली तक मुझे जानने वालों को पता है कि सुदीप श्रीवास्तव किसी के दबाव में काम नहीं करता है। दरअसल आरोप मुझ पर नहीं किसी दूसरे पर है।
आप पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी लोगों में रहे हैं…चुनाव भी लड़ा.,.फिर आप पर क्यों न शक किया जाए। सुदीप ने बताया कि भूपेश सरकार ने अडानी को कोयला खदान दिया। मैने लम्बी पदयात्रा कर खुला प्रदर्शन किया। कोर्ट मे उनके निर्णयों के खिलाफ डंके की चोट पर कई प्रकरण का विरोध किया और लड़ा भी। भूपेश बघेल को पता है कि सुदीप आजाद ख्याल का आदमी है। कुछ तुच्छ मानसिकता के लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए आरोप लगा रहे है।
https://youtu.be/tWBV5TbHsyA?si=aS5RLl00hZfpFXT6
सुदीप श्रीवास्तव ने बताया कि मैंने जनहित के मुद्दों को लेकर बड़े बड़े पूंजीपतियों के खिलाफ अपने पैसे से केश लड़ा है। मैं अपना फैसला खुद करता हूं..किसी के कहने या समझाने से चुनाव नहीं लड़ा है। चुनाव लड़ना मेरा फैसला थ। सुदीप ने बताया कि सालों से हवाईसेवा का आंदोलन चल रहा है। लेकिन जिन पर आरोप लग रहा है कि उन्होने मुझे चुनाव लड़वाया। आंदोलन में सक्रिय सहयोग नहीं दिया। नाम नहीं बताते हुए सुदीप ने जाहिर किया कि दोनो पक्षों ने हवाई सेवा आंदोलन में योगदान नहीं दिया है।
सुदीप श्रीवास्तव बताया कि बिलासपुर की अपनी अस्मिता और पहचान है। विद्याचरण के युग से हम अपनी अस्मिता और पहचान की जंग लड़ रहे है। हम कभी बर्दास्त नहीं करेंगे कि कोई दुर्ग भिलाई और राजनांदगाव से आकर बिलासपुर में चुनाव लड़े। जो बिलासपुर का नहीं है उसे बिलासपुर का दुख दर्द का भी अंदाजा नहीं होगा। सुदीप ने बताया कि देवेन्द्र यादव कोई राष्ट्रीय नेता तो हैं नहीं । कि यहां से जेपी नड्डा आकर चुनाव लड़ रहे हैं..या राहुल गांधी और प्रियंका चुनाव लड़ रही हैं। इससे जाहिर होता है कि बिलासपुर का प्रतिनिधित्व कमजोर है। दुर्ग भिलाई से प्रत्याशी लाकर चुनाव लड़ाया जाए। हमको दुख होता है। और चुनाव मेें जनता ने साबित किया कि कांग्रेस का निर्णय गलत था। पिछले बार से दो गुना अधिक मतों से कांग्रेस प्रत्याशी को हार मिली।
यह जानते हुए भी हार जाएँगे फिर भी शहीद होना कबूल किया। सुदीप ने बताया कि बात हार जीत का नहीं है। बात अस्मिता और पहचान की है। मुझे कुछ बताना था इसलिए चुनाव लड़ा। रही बात हार जीत की तो कौन नहीं हारा। अटल बिहार वाजेपीय से लेकर राहुल गांधी भी चुनाव हारे हैं। एक समय भाजपा के दो ही सीट था। चुनाव तो अपने मुद्दों को जनता तक पहुंचाने का माध्यम है।
आरोप है कि आप भूपेश बघेल का पपेट बनकर चुनाव लड़े हैं। यदि ऐसा कुछ कह रहे हैं तो उसका मानसिक दिवालियापन है। मेरे निर्णय पर कोई कंट्रोल नहीं कर सकता है।मेरा पिताजी ने शादी को लेकर किसी से कहा था कि सुदीप बालिक है। निर्णय थोपा नहीं जा सकता है।
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