Bilaspur
30 साल में पी गए 200 पीढ़ी का पानी..ठेकेदारों को कलेक्टर संजय अग्रवाल का आदेश..बोर मशीनों में लगाएं GPS..कार्रवाई को मजबूर ना करें
खतरे में भू-जल का स्रोत...कलेक्टर ने कहा..एसडीएम कड़ाई से करें पालन

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बिलासपुर— पिछले 20 साल में हमने 200 पीढ़ी का पानी खत्म कर चुके हैं। हमने अपनी गैर जिम्मेदाराना व्यवहार से आने वाली 200 पीढ़ी का पानी खत्म कर दिया है। यह बहुत ही चिंता का विषय है। अमेरिका होशियार देश है…चावाल आयात करता है..क्योंकि उसे अच्छी तरह से मालूम है कि एक किलो चावल उत्पान करने से कहीं ज्यादा सस्ता चावाल का आयात करना है। क्योंकि एक किलो दान उत्पान में साढे तीन हजार लीटर पानी खर्च हो जाता है। जो चावल के आयात से बहुत महंगा है। अमेरिका की तरह हमें भी अपना जल संसाधन का बुद्धिमानी के साथ उपयोग करना है। यह बातें नलकूप खनन ठेकेदारों की बैठक में कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कही। कलेक्टर ने बताया कि सामुहिक जिम्मेदारी के साथ हम अपने जल स्रोत को बचा सकते हैं। यद्यपि हमारे पास जलस्रोत को बचाने और अवैध खनन के खिलाफ पर्याप्त कानून है। लेकिन हम चाहते हैं कि सामुहिक प्रयास से जलस्रोत का हम संरक्षण करें। कलेक्टर ने इस दौरान सभी एसडीएम को बोर प्रतिबंध का कड़ाई से पालन करने को कहा है।
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने शनिवार को पानी संरक्षण की चिता करते हुए बोर खनन करने वाले ठेकेदारों के साथ मंथन किया। बैठक का आयोजन मंथन साभागार में किया गया। इस दौरान कलेक्टर ने सभी ठेकेदारों को जल संरक्षण के महत्व के बारे में बताया। जल संरक्षण में सहयोग करने को कहा। बैठक में करीब 50 से अधिक बोर करने वाले ठेकेदार शामिल हुए। कलेक्टर ने सभी ठेकेदारों को निर्देश दिया कि बोर खनन पर प्रतिबंध है। इसलिए आदेश का गंभीरता के साथ पालन किया जाए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल और पीएचई विभाग के ईई हर्ष कबीर मौजूद थे।
मशीनों में लगेगा जीपीएस
घटते जल स्तर और पानी की त्राहि त्राहि को ध्यान में रखकर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने 0जिले के सभी बोर करने वाले ठेकेदारों के साथ बैठक किया। उपस्थित ठेकेदारों को कलेक्टर ने बोर मशीनों में जीपीएस सिस्टम लगाने का आदेश दिया। ताकि पीएचई यांत्रिकी विभाग को मशीनों का सुपरविजन कर सके। कलेक्टर ने दो टूक कहा कि हमारे पास कड़ाई करने के लिए पर्याप्त कानून है। यदि प्रतिबंध का कड़ाई से पालन नही किया गया तो कड़ाई बहुत ही सख्त होगी। इस दौरन कलेक्टर ने सभी एसडीएम और राजस्व अधिकारियों को बोर मशीनों पर कड़ी निगरानी में रखने को कहा है।
पानी की भयावता पर कलेक्टर की चिंता
जानकारी देते चलें कि जिला प्रशासन ने पेयजल संकट को देखते हुए एक माह पहले नलकूप खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है। बावजूद इसके लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे है। अधा धुंध भूमिगत जल का दोहन कर रहे है। कलेक्टर ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जल संरक्षण के लिए हम उपाय सुनिश्चित करने हमें कठोर कदम उठाने होंगे। जल का दुरुपयोग और अंधाधुंध इस्तेमाल आगे स्वीकार नहीं किया जाएगा। प्राकृतिक संसाधनों पर केवल एक या दो पीढ़ी का अधिकार नहीं है। हमें आगे आने वाली पीढ़ी के लिए भी पानी बचाकर रखना होगा। और यह काम अकेले सरकार का नहीं बल्कि संपूर्ण मानव समाज की जिम्मेदारी है। कलेक्टर ने केंद्रीय ग्राउंड वाटर बोर्ड की रिपोर्ट का जिक्र किया और इसकी भयावहता के प्रति सचेत भी किया। उन्होने कहा कि भूजल का केवल 2 प्रतिशत पेयजल में उपयोग होता है। 13 प्रतिशत उद्योग में और 85 फीसदी फसल उत्पादन में। गरमी में धान की फसल उत्पादन भूजल स्तर के गिरने का बड़ा कारण है।
बारिश का बदला पैटर्न
कलेक्टर ने कहा कि नीचे बहुत सीमित मात्रा में जल बचा है । उन्होंने कहा कि अब पानी गिरने का पैटर्न बदल गया है। पहले रिमजिम बारिश होती थी…इससे पानी जमीन के अन्दर जाता था। आजकर पेड़ भी कम हो गए हैं…बारिश के बाद पानी बहकर नदी नालों में चला जाता है। इससे भू गर्भ में पानी नहीं पहुंचता है।
30 साल में 200 पीढी का पानी खफत
कलेक्टर ने जिक्र किया कि 80- 90 के दशक में 90 फीट की गहराई पर बहुत ही आसानी से पानी मिल जाता था। आज जलस्तर गिरकर 300 फिट पहुंच गया है। कलेक्टर ने बताया कि पिछले तीस साल में हमने आने वाली 200 पीढ़ी का पानी का दोहन किया है। समय आ गया है कि हम भूजल का उपयोग कम करें और रिचार्ज पर ज्यादा ध्यान दें। अब बरसात के पानी को जमीन में डालने का समय आ गया है। राजनांदगांव जिले के कुछ गांव में इसके सफल प्रयोग किए गए हैं। अब हम मिलकर बिलासपुर में पानी संरक्षण का उपाय करेंगे। एक बार फिर कलेक्टर ने दुहराया कि यदि लोग बाज नहीं आते हैं..तो हमारे पास इसके लिए बहुत ही कड़े कानून हैं।