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प्रदेश के नामचीन पत्रकारों ने किया सावधान..कहा…नाजुक समय का दौर है…पहलगाम की घटना के बाद गढ़ा जा रहा गलत नैरिटिव..
वरिष्ठा पत्रकारों ने कराया युवा पत्रकारों को नैतिक जिम्मेदारी का अहसास

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बिलासपुर…22 अप्रैल को पहलगाम की घटना के बाद पूरा देश उबल रहा है। लोग तरह तरह की बातें कर रहे हैं। यह नाजुक दौर है..हमें सावधान रहने और लोगों को करने की जरूत है। आतंकी हमले में दो विदेशी नागरिकों समेत 28 लोगो को आतंकवादियों ने हत्या किया है। निश्चित रूप से मानवता शर्मसार हुई है। घटना को लेकर अलग अलग नेरेटिव गढ़ा जा रहा है। लेकिन हमें अपने बिलासपुर की तासीर को बिना प्रभावित हुए बनाकर रखना है। यह बातें प्रदेश के नामचीन पत्रकारों ने प्रेस क्लब में पहलगाम घटना के बाद श्रद्धांजलि कार्यक्रम में कही। पत्रकारों ने बताया कि पहलगाम की घटना निश्चित रूप से दिल दहला देने वाली है। लेकिन समय संयम रखने का है। जिम्मेदार एजेंसियां अपनी जिम्मेदारियों को अच्छी तरह से निभा रही है। प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में बिलासपुर के सभी पत्रकारों ने दो मिनट मौन रखकर श्रद्धा सुमन भेंट किया। साथ ही अपनी बातों को खुलकर सामने रखा।
श्रद्धांजलि सभा में पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार ज्ञान अवस्थी ने पहलगाम की आतंकी घटना को दिल दहला देने वाला बताया..उन्होने कहा कि घटना निंदनीय है। ऐसे समय में पत्रकारों को लेखनी पर सावधानी ऱखनी की जरूरत है। ज्ञान अवस्थी ने 25 साल पहले हुए एक घटना के अनुभव को भी साझा किया उन्होने बताया कि बहुत सोच समझकर मामले को निपटाया गया था। यदि थोड़ी भी गलती हुई तो समुदायों में विवाद क जन्म हो जाता है। भाईचारा और सौर्द्ध पूर्ण वातावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
बिलासपुर की तासीर बचाए रखिए..जायसवाल
वरिष्ठ पत्रकार सतीश जायसवाल ने कहा कि पहलगाम की घटना चिंताजनक है । घटना में अलग अलग सम्प्रदाय के लोग आतंकी घटना के शिकार हुए हैं। दो विदेशियों को आतंकियों ने मौत के घाट उतारा है। इसका असर अंतर्रार्ष्टीय स्तर पर पड़ना निश्चित है। जायसवाल ने कहा कि उन लोगों का क्या कसूर था जिन्हें आतंकियों ने मारा। जायसवाल ने कहा हमारे पास जो खबर आई उससे कहीं ज्यादा तेजी से अफवाहें पहुंची हैं। ताकि हमारे अंदर नेरेटिव फैले। उन्होने तनाव के बीच चलाए जा रहे राजनीति पर भी सवाल किया। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हमें गलत नैरेटिव और गतिविधियों से सावधान रहा है। बिलासपुर की तासीर को बचाकर रखना है। वरिष्ठ पत्रकार पियुषकांत मुखर्जी ने घटना की निंदा की। सरकार से आतंकियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की बात कही।
हमने सोंचना,सवाल करना बंद किया…शर्मा
इवनिंग टाईम्स के संपादक नथमल शर्मा ने घटना पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि निश्चत रूप से यह हमला देश की संप्रभुता पर है। सुरक्षा पर हुई चूक की निंदा करते हुए शर्मा ने कहा कि मेरे घर में घुसकर कोई कैसे किसी को मार सकता है। यह जिम्मेदारी किसकी है। लेकिन हमने इस पर सोचना बंद कर दिया है। ,सवाल उठाना बंद कर दिया है। अखबारो की रिपोर्टिंग पर उन्होंने अपनी बात रखी। आगे उन्होंने कहा कि सप्ताह भर पहले पहलगाम स्थल से सुरक्षा बल हटाना भी सोचनीय है। नथमल शर्मा ने दुहराया कि आतंकी घटना के खिलाफ पूरा देश केंद्र सरकार की किसी भी कार्रवआई के साथ है। उन्होंने कहा कि आज सवाल पूछने का समय नही…बल्कि किस तरह से शांति बनाए रखें यह सोचने समय है। पहलगाम घटना की जांच के साथ अपने मोहल्ले शहर में सौहाद्र बनाए रखने की बात कही।
बहुत कुछ कह रहा वायरल बयान
सीजीवाल के प्रधान संपादक वरिष्ठ पत्रकार रूद्र अवस्थी ने घटना को लेकर गहरा दुख जाहिर किया। उन्होने कहा कि कुछ लोगों को खुशहाली पसंद नहीं है। ऐसे ही विघ्नसंतोषी लोगों को देश की अमन चैन पसंद नहीं है। एक मासूम बच्चे के बयान को दोहराते हुए उन्होने कहा मुद्दे पर गहराई से सोंचने का समय है। रूद्र अवस्थी ने कहा कि ऐसे दिन आते और चले जाते हैं…लेकिन चिंतन का समय है कि ऐसे दिन आते ही क्यों हैं..हमें सोशल मीडिया में वायरल पीड़ित बच्चे के बयान को गंभीरता से लेना होगा। बच्चे ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाकर बहुत सारी बातें कम शब्दों में कही है। लेकिन हम और आप प्रदेश और देश के जिम्मेदार नागरिक हैं…हमें कुछ ऐसा नहीं लिखना है..और ऐसा कुछ करना भी है..जिससे देश की शांति फिजा को कोई प्रभावित करने का दुस्साहस ना करे।
पत्रकार समझदारी.संयम से कलम चलाए…राजेश
वरिष्ठ पत्रकार राजेश अग्रवाल ने कहा कि घटना ने देश दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। घटना के बाद वहां कोई सुरक्षा बल नही था। प्राथमिक उपचार की भी व्यवस्था नही थी। कश्मीरी नागरिकों के सहयोग से सैलानियों को बचाया जा सका। सभी कौम के लोगो ने घटना की निंदा की है। घटना को लेकर एक विशेष समुदाय पर फोकस कर देशवासियों को बरगलाने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में मीडिया की भूमिका अहम हो जाती है। समझदारी,गंभीरता और संयम के साथ कलम चलाएं।
गलत नैरेटिव से सावधान
वरिष्ठ पत्रकार राजेश दुआ ने कहा यह सामान्य आतंकी घटना नहीं है। बल्कि भारत पाकिस्तान की सीधी लड़ाई है। अब भारत की 148 करोड़ जनता को निर्णय लेना चाहिए कि हम किसी भी सूरत मे आतंकवाद को नेस्तानाबूद कर देंगे। वरिष्ठ पत्रकार कमलेश शर्मा ने सरकार को जवाबी कदम उठाना चाहिए। साथ ही स्थायी समाधान निकाले जाने की बात कही। वरिष्ठ पत्रकार निर्मल माणिक ने कहा कि निचले तौर पर जो नेरेटिव फैलाया जा रहा है उससे सावधान रहने की जरुरत है।पहलगाम में जिस तरह इंसानियत का कत्ल किया गया है । इसके बाद सरकार जो भी कर रही है हम सब उठाए गए कदम के साथ हैं। इस मौके पर युवा पत्रकार विकास चौबे ने भी अपनी बातों को रखा।
दो मिनट का मौन..श्रद्धासुूमन
इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार सईद खान, प्रेस क्लब अध्यक्ष इरशाद अली,कार्यकारिणी सदस्य गोपीनाथ डे,सहसचिव दिलीप जगवानी,लोकेश वाघमारे, संतोष मिश्रा, अखलाक खान, पंकज गुप्ता, विशाल झा, मनीष शर्मा के अलावा मौजूद अन्य पत्रकारों ने भी अपनी भावनाओं को सबके सामने रखा। सभी पत्रकारों ने पहलगाम में मारे गए निर्दोष सैलानियों की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी।