नालंदा बना साइबर क्राइम का नया ‘जामताड़ा’? कारोबारियों से करोड़ों की वसूली
नालंदा और नवादा में सक्रिय एक बड़े साइबर अपराध गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. यह गिरोह पिछले तीन महीनों में महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और झारखंड के सात व्यापारियों से लगभग 1.6 करोड़ रुपये की लूट और अपहरण कर चुका है.

बिहार में साइबर अपराध की एक नई और खतरनाक तस्वीर सामने आई है। नालंदा और नवादा जिले अब देश के सबसे बड़े साइबर क्राइम हॉटस्पॉट्स में शुमार होते जा रहे हैं।
हाल ही में पटना पुलिस, एसटीएफ और मध्यप्रदेश पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ हुआ जिसने पूरे देश को हिला दिया है। इस कार्रवाई के दौरान आठ अपराधियों को गिरफ्तार किया गया, जिससे कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
नालंदा गिरोह न सिर्फ साइबर क्राइम में लिप्त है, बल्कि यह हाई-प्रोफाइल अपहरण और फिरौती के मामलों में भी सक्रिय है। इस गिरोह ने बीते तीन महीनों में महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश और झारखंड के सात कारोबारियों को पटना एयरपोर्ट से अगवा किया और करीब दो करोड़ रुपये की वसूली की। गिरोह का सरगना रंजीत पटेल उर्फ मुन्ना बताया जा रहा है, जिसे सात अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया है।
गिरोह की कार्यशैली बेहद संगठित है। पहले ये अपराधी कारोबारी को किसी स्क्रैप या अन्य व्यापारिक डील के बहाने पटना बुलाते हैं और एयरपोर्ट से अगवा कर लेते हैं। इसके बाद उन्हें नालंदा या नवादा ले जाकर बंधक बनाया जाता है, मारपीट कर एटीएम, मोबाइल और जरूरी जानकारी ली जाती है।
11 अप्रैल को पुणे के कारोबारी लक्ष्मण साधु शिंदे के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। उसे अगवा कर नालंदा के हिलसा में बंधक बनाकर 12 लाख रुपये निकाल लिए गए। मारपीट के दौरान उसकी मौत हो गई और शव को जहानाबाद में फेंक दिया गया।
इस गिरोह ने जनवरी से मार्च के बीच पुणे, अहमदाबाद, राजकोट, बेंगलुरु और झारखंड के कारोबारियों से भारी रकम वसूली। अहमदाबाद के एक कारोबारी से 60 लाख, झारखंड के दीपक कनौडिया से 50 लाख, पुणे के शंभाजी से 17 लाख और बेंगलुरु के महेंद्र चौधरी से 7 लाख रुपये वसूले गए।
यह मामला सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है। CBI के ऑपरेशन ‘चक्र’ के तहत इस गिरोह की अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों का भी खुलासा हुआ है। नालंदा और नवादा के ये साइबर अपराधी सिंगापुर के कारोबारियों को भी ठग चुके हैं। वे फिशिंग, विशिंग और स्मिशिंग जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर लाखों रुपये की ठगी कर चुके हैं।