Madhya Pradesh

Ladli Behna Yojana 2025- सावन में लाड़ली बहनों को बड़ा तोहफा..मिलेगा रक्षाबंधन का शगुन, भाईदूज से 1250 की जगह मिलेंगे 1500 रुपए, जानें अपडेट

फिलहाल प्रदेश की करीब 1.3 करोड़ बहनों को 1250 रुपए प्रतिमाह मिल रहे हैं, जिससे उन्हें सालाना 15,000 रुपए की आर्थिक सहायता प्राप्त होती है।

Ladli Behna Yojana 2025/मध्यप्रदेश की लाड़ली बहनों के लिए सावन का महीना खुशखबरी लेकर आया है।

Ladli Behna Yojana 2025/मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिंहपुर, सतना में आयोजित महिला सम्मेलन के दौरान ऐलान किया कि रक्षाबंधन से पहले सभी पात्र महिलाओं को लाड़ली बहना योजना के तहत मिलने वाली 1250 रुपए की राशि में 250 रुपए की अतिरिक्त मदद शगुन के रूप में दी जाएगी।

Ladli Behna Yojana 2025/यानी अगस्त माह में महिलाओं के खाते में कुल 1500 रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे। यह सिर्फ शुरुआत है, क्योंकि राज्य सरकार इस योजना की राशि को चरणबद्ध तरीके से 2028 तक 3000 रुपए प्रति माह तक पहुंचाने की योजना बना चुकी है।

Ladli Behna Yojana 2025/सीएम यादव ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने यह भी बताया कि दीपावली के बाद भाई दूज से योजना की मासिक राशि को 1250 से बढ़ाकर स्थायी रूप से 1500 रुपए कर दिया जाएगा। इस तरह अब बहनों को हर माह 1500 रुपए की मदद मिलेगी।

फिलहाल प्रदेश की करीब 1.3 करोड़ बहनों को 1250 रुपए प्रतिमाह मिल रहे हैं, जिससे उन्हें सालाना 15,000 रुपए की आर्थिक सहायता प्राप्त होती है।

Ladli Behna Yojana 2025/लाड़ली बहना योजना की शुरुआत मई 2023 में शिवराज सिंह चौहान सरकार ने की थी। इसकी पहली किस्त 10 जून 2023 को जारी हुई थी।

शुरुआत में महिलाओं को 1000 रुपए प्रति माह दिए जा रहे थे, जिसे बाद में रक्षाबंधन 2023 के मौके पर बढ़ाकर 1250 रुपए कर दिया गया। अब योजना में फिर से वृद्धि की घोषणा की गई है, जो आने वाले वर्षों में महिलाओं के जीवन को और अधिक संबल प्रदान करेगी।

अब तक सरकार इस योजना के अंतर्गत जून 2023 से जुलाई 2025 के बीच कुल 26 किश्तों के माध्यम से 30,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि महिलाओं को ट्रांसफर कर चुकी है। वहीं, अगस्त 2023 और अगस्त 2024 में दो बार 250 रुपए की अतिरिक्त आर्थिक सहायता भी भेजी गई है, जिसे रक्षाबंधन के शगुन के रूप में जोड़कर दिया गया।

इस योजना के तहत केवल वे महिलाएं पात्र हैं जिनकी आय 2.5 लाख रुपये सालाना से कम है, जिनका कोई पारिवारिक सदस्य इनकम टैक्स नहीं देता और जिनके परिवार में कोई सरकारी नौकरी में नहीं है।

साथ ही, जिनके परिवार के पास पांच एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि, चारपहिया वाहन (ट्रैक्टर को छोड़कर), या कोई सांसद-विधायक जैसे जनप्रतिनिधि हैं, वे अपात्र मानी जाती हैं।

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