Chhattisgarh

यशस्वी जशपुर कार्यक्रम के अंतर्गत प्रयोगशाला सहायकों का उन्मुखीकरण सम्पन्न — विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रयोगों का हुआ प्रदर्शन

जशपुर।यशस्वी जशपुर कार्यक्रम के अंतर्गत कलेक्टर रोहित व्यास एवं सीईओ जिला पंचायत अभिषेक कुमार के मार्गदर्शन में तथा शिक्षा विभाग के प्रभारी अधिकारी डिप्टी कलेक्टर प्रशांत कुशवाहा और जिला शिक्षा अधिकारी प्रमोद कुमार भटनागर के निर्देशन में प्रयोगशाला सहायकों के लिए एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन संकल्प शिक्षण संस्थान, जशपुर में किया गया।

कार्यशाला का उद्देश्य जिले के विद्यालयों में कार्यरत प्रयोगशाला सहायकों को विज्ञान प्रयोगों की जानकारी देना, उनके कौशल को निखारना तथा प्रयोगशालाओं के उपयोग और अधिक प्रभावी बनाना था।

यशस्वी जशपुर के नोडल अधिकारी विनोद गुप्ता ने सभी प्रयोगशाला सहायकों को लैब के नियमित उपयोग, विद्यार्थियों को प्रयोगो के लिए प्रोत्साहन , अपनी क्षमता के 100 प्रतिशत का उपयोग के लिए प्रेरित किया।

साथ ही प्रयोगशाला प्रबंधन की विस्तृत जानकारी देते हुए यह भी बताया कि प्रयोगशाला का किस प्रकार बेहतर उपयोग किया जाए ?, जिससे विद्यार्थियों में बेहतर समझ विकसित हो।

उन्मुखीकरण में भौतिकी, रसायन एवं जीव विज्ञान विषयों से संबंधित कई प्रयोगों का प्रदर्शन और अभ्यास कराया गया।

मास्टर ट्रेनर  किरण सिंह,  शबाना परवीन के द्वारा रसायन विषय में कराए गए प्रयोग में उपकरणों का ज्ञान, मॉडल किट का प्रयोग, विभिन्न अभिकर्मकों के विलयन तैयार करना, मोलर विलयन बनाना तथा KMnO₄ एवं मोहर लवण मध्य अनुमापन‌ प्रमुख रहे।

जीव विज्ञान में श्रीमती रेशमारानी एक्का ने क्वाड्रेट विधि द्वारा पौधों की जनसंख्या घनत्व मापन, केले की पत्तियों से डीएनए पृथक्करण एवं विभिन्न जल स्रोतों का pH मान मापन कराया ।

प्रयोगों के माध्यम से प्रतिभागियों को सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक दक्षता पर भी चर्चा की गई। भौतिकी में प्रशिक्षक दीपक ग्वाला, संतोष कुमार अम्बस्थ ने वर्नियर कैलिपर्स, स्क्रूगेज, कांच के आयताकार गुटके, प्रकाश का अपवर्तन, प्रिज्म के प्रयोग, उत्तल लेंस की फोकस दूरी ज्ञात करना जैसे प्रयोग कराए।

कार्यशाला आयोजन में यशस्वी जशपुर टीम के संजीव शर्मा, अवनीश पांडेय, संजय दास की भूमिका महत्वपूर्ण रही ।

यह प्रशिक्षण न केवल प्रयोगशाला सहायकों की दक्षता बढ़ाने में सहायक सिद्ध हुआ, बल्कि विद्यालयों में विज्ञान शिक्षण की गुणवत्ता को नई दिशा देने की दिशा में एक सशक्त पहल भी रहा।

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