Chhattisgarh ka mausam: छत्तीसगढ़ में भारी बारिश का तांडव: 25 से 27 जुलाई तक रेड और ऑरेंज अलर्ट

Chhattisgarh ka mausam।छत्तीसगढ़ में अगले तीन दिनों तक आसमान से आफत बरसने वाली है। मौसम विभाग ने 25 जुलाई से 27 जुलाई तक प्रदेशभर में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
बंगाल की खाड़ी में बन रहे कम दबाव के क्षेत्र के प्रभाव से राज्य के कई जिलों में तेज बारिश के साथ गरज-चमक और वज्रपात की संभावना जताई गई है।
इस दौरान कई जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
अगर आप इन दिनों घूमने या वाटरफॉल ट्रिप का प्लान कर रहे हैं तो अलर्ट में शामिल जिलों की जानकारी जरूर लें, क्योंकि पहाड़ी और जलप्रपात क्षेत्र अत्यधिक जोखिमपूर्ण हो सकते हैं।
रेड अलर्ट वाले जिले बेहद संवेदनशील घोषित किए गए हैं, जहां अति भारी बारिश के साथ बिजली गिरने की आशंका है।
इनमें बलरामपुर-रामानुजगंज, जशपुर, कांकेर, कोण्डागांव, नारायणपुर, बीजापुर, राजनांदगांव और मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी शामिल हैं। इन जिलों में प्रशासन ने आपात स्थिति से निपटने की तैयारियां शुरू कर दी हैं।
ऑरेंज अलर्ट वाले जिले भी खतरे से बाहर नहीं हैं। यहां भी भारी बारिश के साथ वज्रपात की चेतावनी दी गई है।
ये जिले हैं बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा, रायगढ़, बिलासपुर, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, कोरबा, सूरजपुर, सरगुजा, कबीरधाम, बालोद, दुर्ग, खैरागढ़, कोरिया, मनेंद्रगढ़ और मुंगेली। इन क्षेत्रों में सड़क यातायात बाधित हो सकता है, जलभराव, बिजली कटौती और भूस्खलन की घटनाएं सामने आ सकती हैं।
यलो अलर्ट भी कम खतरनाक नहीं है। इस अलर्ट में शामिल जिलों में गरज-चमक, हल्की से मध्यम बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है। यहां सामान्य जनजीवन प्रभावित हो सकता है, विशेषकर खुले इलाकों, खेतों और कमजोर ढांचों में रहने वालों को सतर्क रहना होगा।
बिलासपुर, रायगढ़ और सरगुजा जैसे जिलों में पहले से ही जलभराव और बिजली की समस्याएं देखने को मिली हैं। बिलासपुर के कई इलाकों में बीते दिनों पानी घरों में घुस गया और ब्लैकआउट जैसी स्थिति बन गई।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, वर्तमान में मानसून द्रोणिका पंजाब से लेकर बंगाल की खाड़ी तक सक्रिय है और बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य और उत्तर-पश्चिम भागों में ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है, जिससे आने वाले तीन दिन बारिश की तीव्रता और बढ़ेगी।