Chhattisgarh

CG NEWS:आठवें वेतन आयोग की सुगबुगाहट: कर्मचारियों के वेतन में बंपर वृद्धि की उम्मीद, लेकिन साथ ही बढ़ेंगी चुनौतियां

CG NEWS:भिलाई ( मनीष जायसवाल) देश भर के सरकारी कर्मचारियों में आठवें वेतन आयोग (Eighth Pay Commission) को लेकर उत्सुकता का माहौल है, खासकर छत्तीसगढ़ के शिक्षक वर्ग में, जो अब नियमित हो चुके हैं और पहली बार इसका लाभ मिलने की उम्मीद कर रहे हैं। सीजीवाल न्यूज़ ने इसी विषय पर छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश चटर्जी से खास बातचीत की, जिन्होंने वेतन आयोग के प्रभावों और कर्मचारियों की अपेक्षाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।

श्री चटर्जी ने सातवें वेतन आयोग को याद करते हुए बताया कि जब कर्मचारी छठे वेतनमान से सातवें में आए, तो मूल वेतन में 2.57 गुना की वृद्धि हुई थी। उनका कहना है कि आठवें वेतन आयोग में भी इसी तरह की वृद्धि अपेक्षित है। वर्तमान ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) के विश्लेषण के आधार पर, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वेतन में ढाई गुना से लेकर 2.86 गुना तक की वृद्धि हो सकती है। कम से कम ढाई गुना वृद्धि तो तय मानी जा रही है।

 

उन्होने बताया कि केंद्रीय सरकार द्वारा आठवें वेतन आयोग को 1 जनवरी 2026 से लागू करने की उम्मीद है। केंद्र सरकार हमेशा 1 जुलाई और 1 जनवरी को कर्मचारियों को लाभ देने में तत्पर रही है। हालांकि, राज्य सरकारों की अपनी नीतियां होती हैं। केंद्र के लागू करने के बाद ही राज्य सरकारें अपने छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम के तहत एक कमेटी बनाकर इसे लागू करेंगी। अतीत में, राज्य सरकारें डीए और वेतनमान लागू करने में केंद्र से पीछे रही हैं, जिससे कर्मचारियों को नुकसान हुआ है।

वेतन में अच्छी खासी वृद्धि की उम्मीद है, लेकिन श्री चटर्जी ने स्पष्ट किया कि यह केवल अनुमान पर आधारित है।

  • सहायक शिक्षक: जिनका वर्तमान न्यूनतम मूल वेतन 25,300 रुपये है, उनके वेतन में कम से कम 20,000 से 25,000 रुपये की वृद्धि तय मानी जा रही है। दुगनी वृद्धि होने पर यह 50,600 रुपये तक पहुंच सकता है।
  • शिक्षक: जिनका न्यूनतम मूल वेतन 35,400 रुपये है, उनका वेतन बढ़कर 70,000 से 75,000 रुपये तक जा सकता है।

व्याख्याता (Lecturer): वर्तमान मूल वेतन 38,100 रुपये है, जो 1 लाख रुपये के आसपास पहुंच सकता है।

  • प्राचार्य (Principal): वर्तमान मूल वेतन 56,100 रुपये है, यह भी 1 से डेढ़ लाख रुपये के आसपास जा सकता है।

 

हालांकि, श्री चटर्जी ने एक महत्वपूर्ण बात पर जोर दिया कि दिखने में वेतन दुगना लगेगा, लेकिन वास्तविक टेक-होम सैलरी में 10,000 से 50,000 रुपये तक की ही बढ़ोतरी होगी (उच्च पदों पर अधिक)। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि आठवां वेतन आयोग लागू होने की तारीख से महंगाई भत्ता (DA) शून्य कर दिया जाएगा

आयकर और डबल टैक्सकी चिंता: वेतन बढ़ने के साथ ही कर्मचारियों के सामने आयकर का बड़ा बोझ आने वाला है। जो कर्मचारी अभी आयकर के दायरे से बाहर हैं, वे भी इसमें आ जाएंगे। अनुमान है कि एक कर्मचारी को अपनी 1 से 2 महीने की तनख्वाह आयकर में देनी पड़ सकती है। श्री चटर्जी ने इसे डबल टैक्स” बताते हुए चिंता व्यक्त की है। उनका तर्क है कि कर्मचारी सामग्री खरीदते समय जीएसटी, हाउस रेंट आदि के रूप में पहले ही टैक्स दे रहे हैं, और फिर उनकी आय पर भी टैक्स लगाया जा रहा है।

श्री चटर्जी ने बताया कि सातवें वेतन आयोग के समय राज्य सरकार ने केंद्रीय सरकार के बराबर वेतन वृद्धि नहीं दी थी, बल्कि छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 बनाकर कम वृद्धि की थी। ऐसी स्थिति भविष्य में भी आ सकती है, हालांकि छत्तीसगढ़ संसाधनों से समृद्ध राज्य है।

 

कर्मचारी संगठनों की मांग है कि सरकार को अपने सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों के अनुभव का लाभ उठाना चाहिए। इसके अलावा, कैशलेस ट्रीटमेंट की सुविधा और सुनिश्चित पेंशन की मांग भी की गई है ताकि बुढ़ापे में कर्मचारियों को किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े। उनका मानना है कि सरकार की सफलता कर्मचारियों की मेहनत और वफादारी पर निर्भर करती है।

 

वर्तमान सरकार के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से कर्मचारियों को उम्मीद है। भूपेश बघेल के कार्यकाल में जैसे सातवां वेतन आयोग लागू हुआ और एरियर्स मिले, उसी तरह अब साय सरकार की बारी है कि वह आठवां वेतनमान लागू करे और एरियर्स भी दे। कर्मचारियों को यह भी याद है कि भूपेश बघेल ने 6 महीने में 16% डीए वृद्धि की थी और पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू की थी।

 

अंत में, श्री चटर्जी ने सभी कर्मचारियों से अपील की है कि वे आठवें वेतनमान के लिए तैयार रहें क्योंकि “रण शुरू होने वाला है”। उनका कहना है कि चुप रहने से कोई समाधान नहीं होता और कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन अपने अधिकारों के लिए लड़ने से पीछे नहीं हटेगा।

 

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