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अहमदाबाद विमान हादसा: मौत के मुंह से लौटे रमेश विश्वास, भाई की तलाश जारी

सीट नंबर 11A पर बैठे ब्रिटिश नागरिक रमेश विश्वास (40) को जीवित पाया गया है। अहमदाबाद के असरवा स्थित सिविल अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है, और डॉक्टरों ने उनकी हालत स्थिर बताई है। वे इस भयानक हादसे में पहले पुष्ट जीवित बचे व्यक्ति हैं। उन्हें पैरों, आंखों और सीने पर चोटें आई हैं।

अहमदाबाद। गुरुवार को अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर के दुर्घटनाग्रस्त होने से 200 से अधिक लोगों की जान चली गई, लेकिन इस भीषण हादसे में एक चमत्कारिक घटना सामने आई है।

सीट नंबर 11A पर बैठे ब्रिटिश नागरिक रमेश विश्वास (40) को जीवित पाया गया है। अहमदाबाद के असरवा स्थित सिविल अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है, और डॉक्टरों ने उनकी हालत स्थिर बताई है। वे इस भयानक हादसे में पहले पुष्ट जीवित बचे व्यक्ति हैं। उन्हें पैरों, आंखों और सीने पर चोटें आई हैं।

रमेश विश्वास, जो पिछले 20 सालों से लंदन में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रह रहे थे, कुछ दिनों के लिए अपने परिजनों से मिलने भारत आए थे। गुरुवार को वे अपने भाई अजय कुमार रमेश के साथ यूके लौट रहे थे, तभी यह दुर्भाग्यपूर्ण हादसा हो गया।

पलक झपकते ही बदल गई जिंदगी:

रमेश विश्वास ने बताया कि उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद एक जोरदार आवाज हुई और विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जब वे होश में आए, तो चारों तरफ लाशें पड़ी थीं और विमान के टुकड़े बिखरे हुए थे। इस भयावह मंजर को देखकर वे डर गए और भागने लगे। उन्होंने बताया, “मैं डरकर भाग रहा था, इसी बीच किसी ने मुझे पकड़ लिया और एंबुलेंस में डालकर अस्पताल ले आए।”

भाई की तलाश और प्रशासन से मदद की गुहार:

हालांकि रमेश विश्वास की जान बच गई है, लेकिन अब उन्हें अपने भाई अजय कुमार रमेश की तलाश है। उन्होंने बताया कि उनके भाई अलग पंक्ति में बैठे थे, जिन्हें वे ढूंढ नहीं पा रहे हैं। उन्होंने अपने भाई को खोजने के लिए प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।

हादसे में 240 लोगों की मौत, मुआवजे का ऐलान:

अहमदाबाद विमान हादसे से पूरे देश में दुख का माहौल है। विमान में 242 लोग सवार थे, जिनमें 2 पायलट और 10 क्रू मेंबर शामिल थे। यात्रियों में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक थे। दोपहर करीब 1:38 बजे रवाना हुई यह उड़ान भरते ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई। अब तक 240 लोगों की मौत की खबर सामने आई है, और मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है। कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं।

एयर इंडिया के मालिक टाटा ग्रुप ने मृतकों के परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। इसके अलावा, घायलों का मुफ्त इलाज भी करवाया जाएगा।

गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार को हुए विमान हादसे में भाजपा के वरिष्ठ नेता और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की मौत हो गई। वह 68 वर्ष के थे।

गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का जीवन भारतीय राजनीति की एक प्रेरणादायक कहानी है, जिसमें संघर्ष, प्रतिबद्धता और जनसेवा का अनूठा संगम दिखाई देता है। वे न केवल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक समर्पित नेता रहे, बल्कि गुजरात के 16वें मुख्यमंत्री के रूप में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

विजय रूपाणी का जन्म 2 अगस्त 1956 को म्यांमार (तत्कालीन बर्मा) के यांगून शहर में हुआ था। उनके पिता रमणिकलाल रूपाणी और मां मायाबेन के सात बच्चों में वे सबसे छोटे थे। उनके पिता वहां व्यापार के लिए गए थे। हालांकि, 1960 में म्यांमार में हुए राजनीतिक उथल-पुथल के कारण उनका परिवार भारत लौट आया और गुजरात के राजकोट शहर में बस गया।

राजकोट में पले-बढ़े रूपाणी ने अपनी शिक्षा सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी से पूरी की, जहां उन्होंने बीए और एलएलबी की डिग्री हासिल की। छात्र जीवन से ही वे राष्ट्रवादी विचारधारा की ओर आकर्षित हुए और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ गए।

1971 में रूपाणी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े और यहीं से उनके सार्वजनिक जीवन की नींव रखी गई। 1975 में आपातकाल के दौरान वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए आगे आए और 11 महीने जेल में बिताए।

1996-97 में वे राजकोट नगर निगम के मेयर बने। इसके बाद उनका राजनीतिक करियर तेजी से आगे बढ़ा। 1998 में उन्हें गुजरात भाजपा का प्रदेश सचिव नियुक्त किया गया।

2006 में विजय रूपाणी को गुजरात पर्यटन निगम का चेयरमैन बनाया गया। इसी वर्ष वे राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए और 2012 तक उन्होंने उच्च सदन में गुजरात का प्रतिनिधित्व किया।

2013 में नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए उन्हें गुजरात म्यूनिसिपल फाइनेंस बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त किया गया।

2014 में विजय रूपाणी ने राजकोट वेस्ट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद आनंदीबेन पटेल के मंत्रिमंडल में उन्हें परिवहन मंत्री बनाया गया।

2016 में उन्हें गुजरात भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उसी वर्ष 7 अगस्त को उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने विजय रूपाणी के नेतृत्व में जीत हासिल की और वे एक बार फिर मुख्यमंत्री बने। उन्होंने 2021 तक इस पद को संभाला और राज्य की राजनीति में स्थिरता व सुशासन के प्रतीक बने रहे। उन्हें काफी शांत प्रवृत्ति के सीएम के तौर पर जाना जाता था।

विजय रूपाणी ने भाजपा महिला मोर्चा की सदस्य अंजली से विवाह किया। उनके दो बेटे और एक बेटी हैं। एक बेटे का निधन एक कार दुर्घटना में हो गया था। उनकी बेटी की शादी हो चुकी है, जबकि उनका दूसरा बेटा इंजीनियर है।

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