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छत्तीसगढ़ में 5000 करोड़ का शराब घोटाला! अमर अग्रवाल के आरोपों से मचा सियासी भूचाल.. पूछा बार बार क्यों गए भूपेश

रायपुर….राज्य की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ गया है। पूर्व मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अमर अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ सरकार पर 5000 करोड़ रुपये से अधिक के शराब घोटाले का गंभीर आरोप लगाया है।

उनके अनुसार, शराब बिक्री से होने वाला वास्तविक राजस्व और सरकारी आंकड़ों के बीच भारी असमानता है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता  है।

अमर अग्रवाल ने यह जानकारी भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में पत्रकार वार्ता के दौरान दी। उन्होंने कहा कि ईडी कानून के अनुसार काम करता है। भूपेश बघेल जनता का ध्यान भटका रहे हैं। उन्होंने जो किया सबके सामने है ।  जनता को बहका नहीं सकते कि तमनार पेड़ कटाई को लेकर सवाल पूछने वाले थे ।इसलिए ईडी ने छापा मारा है। अमर ने दुहराया कि भूपेश बघेल अपने भ्रष्टाचार को छिपा नही सकते हैं ।

आर्थिक नाकाबंदी का ढोंग- अमर

अमर ने कहा कि जानकारी मिली है की। 22 जुलाई को कांग्रेस पार्टी ने चक्काजाम का ऐलान किया है। दरअसल कांग्रेस पार्टी के नेता भ्रष्टाचार करने के बाद जनता का ध्यान भटकाने के लिए नाटक कर रहे हैं। भूपेश बघेल ने सरकार रहने के दौरान बत्तीस हजार करोड़ का नहीं बल्कि पांच हजार करोड़ रुपयों से अधिक का शराब घोटाला किया है।

पांच हजार करोड़ का घोटाला

अमर अग्रवाल, बताया कि वह स्वयं वित्त और आबकारी मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने 15 वर्षों तक विभागीय कामकाज को करीब से देखा और समझा है। इसी अनुभव के आधार पर  दावा करता हूँ कि सरकार की तरफ से दिखाया गया राजस्व ड्यूटी (कर) बढ़ने के कारण बढ़ा हुआ प्रतीत होता है, जबकि वास्तविक खपत (बिक्री मात्रा) उतनी नहीं बढ़ी।

क्या है घपला का हिसाब?

अग्रवाल ने तर्क दिया कि अगर 2001 से 2018 तक की शराब खपत और बिक्री के आँकड़ों की तुलना 2018 के बाद के आंकड़ों से की जाए, तो स्थिति साफ हो जाएगी।
उनका दावा है कि 2018 के बाद शराब खपत में जितनी बढ़ोतरी दिख रही है, वह अव्यवहारिक है। यदि ड्यूटी और खपत दोनों के आधार पर गहन विश्लेषण किया जाए, तो 5000 करोड़ रुपये से अधिक की गड़बड़ी (घोटाला) सामने आती है।उन्होंने यह भी कहा कि संपूर्ण आंकड़ों पर नजर डालें तो यह 32000 करोड़ तक के ‘खपले’ की ओर इशारा करता है।

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप:

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के तमनार दौरे और “वन कटाई जन सुनवाई” जैसे मुद्दों पर बोलते हुए अग्रवाल ने कहा,

“जन सुनवाई में नेता आते तो हैं, लेकिन एक महीने बाद चुप हो जाते हैं। जनता सब समझती है।”

और अमर ने सवाल जवाब के दौरान बताया कि भूपेश बघेल को बताना पड़ेगा कि तामनार ने पर्यावरण स्वीकृत के लिए सिफारिश किसने किया था । अब तक कितनी बार तमनार में पेड़ बचाने के लिए गए ।सरकार से हटने के बाद उन्होंने  कितनी बार तमनार में पेड़ बचाने को लेकर आंदोलन किया। और अब जब ईडी ने छापा मारा तो अपनी गड़बड़ियों को छिपाने के लिए तमनार का हवाला दे रहे हैं । जनता को उपयोगी बना रहे हैं कि विधानसभा में तमनार पेड़ कटाई को लेकर सवाल करने वाला था। इसीलिए ईडी ने मुंह बंद करने के लिए रेड कार्रवाई को अंजाम दिया।

अमर ने  जानकारी दिया कि हसदेव में भी पेड़ कटाई का आदेश भूपेश बघेल ने ही दिया था। लेकिन टीएस सिंहदेव के विरोध के बाद सरकारी संकल्प लाकर पेड़  कटाई को बंद किया गया ।  दरअसल भूपेश बघेल लोगों का ध्यान भटकाने के लिए बार बार तमनार पेड़ कटाई का हवाला दे रहे हैं।

सच तो यह है कि जनता का ध्यान भटकाने के लिए भूपेश बघेल तमनार का सहारा ले रहे हैं। वास्तविकता तो यह है कि ईडी की कार्रवाई में शराब का बहुत बड़ा घोटाला सामने आया है। घोटाला बत्तीस हजार का नहीं बल्कि पांच हजार करोड़ का है

जब अडानी प्रकरण पर भाजपा की भूमिका को लेकर सवाल किया गया, तो अमर ने साफ कहा कि भाजपा ने कभी भी नियम के खिलाफ जाकर का नहीं किया। इस बात से भी इंकार किया कि भारतीय जनता पार्टी अडानी का बचाव कर रही है।
उन्होंने कहा:

“कानून अपनी प्रक्रिया से चलता है। कांग्रेस अडानी को भाजपा से जोड़ती है, लेकिन हम केवल तथ्यों को सामने रखते हैं।”

अमर ने उदाहरण देते हुए कहा कि एक बार अडानी को वन क्षेत्र में पेड़ काटने की अनुमति दी गई थी, लेकिन जनता के विरोध और विधानसभा में प्रस्ताव आने के बाद ही वह कार्य रोका गया।

हम नहीं करते अडानी का बचाव

एक सवाल पर अमर ने कहा कि हम अडानी का बचाव नहीं करते हैं लेकिन हर बार पार्टी को अडानी से जोड़ दिया जाता है। इसलिए हमे अपनी बात को रखने के लिए सामने आना पड़ता है ।

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