10 हज़ार अन्नदाताओं को मिलेगा मुआवजा.. 31 जुलाई अन्तिम तारीख़..गांव गांव चलेगा अभियान

बिलासपुर..प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को प्रभावशाली ढंग से लागू करने के उद्देश्य से कलेक्टर संजय अग्रवाल ने अधिकारियों के साथ बैठक किया। स्पष्ट निर्देश दिए कि 31 जुलाई को योजना की अंतिम तिथि को ध्यान में रखते हुए गांव-गांव शिविर लगाए। एक एक किसान को योजना से जोड़े । उन्होंने कहा कि यह केवल एक योजना नहीं, बल्कि किसानों के आर्थिक संरक्षण का अहम कवच है।
कलेक्टर ने बैठक में मौजूद जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल और कृषि विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि हर स्तर पर किसानों को योजना की जानकारी दी जाए। विशेष रूप से उन गांवों पर ध्यान केंद्रित किया जाए, जहां पिछले वर्ष बीमा प्रस्ताव ही वापस ले लिए गए थे या एक भी किसान का बीमा नहीं हुआ।
अनिश्चित मौसम, कीट प्रकोप से बचाव
कलेक्टर अग्रवाल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और कीट प्रकोप के बढ़ते खतरे को देखते हुए यह बीमा योजना किसानों की सुरक्षा कवच के रूप में बेहद आवश्यक है। उन्होंने किसानों से अपील की कि नाममात्र प्रीमियम देकर अपनी फसलों का बीमा अवश्य कराएं। फसल के लिए प्रीमियम केवल 350 प्रति एकड़ तय किया गया है।
पिछले वर्ष मिला था 3.14 करोड़ का मुआवजा
कलेक्टर ने जानकारी दी कि पिछले खरीफ सीजन में जिले के 10,000 से अधिक किसानों को 3.14 करोड़ का बीमा मुआवजा प्रदान किया गया था। जिससे योजना की प्रामाणिकता और उपयोगिता सिद्ध होती है।
किस फसल का हो सकता है बीमा?
उप संचालक कृषि पी.डी. हथेश्वर ने बताया कि धान सिंचित, धान असिंचित, उड़द, मूंग, मूंगफली, कोदो, कुटकी, मक्का, अरहर, रागी एवं सोयाबीन जैसी खरीफ फसलें इस योजना के अंतर्गत अधिसूचित हैं।
अऋणी किसानों पर विशेष ध्यान
ऋणी किसानों का बीमा स्वचालित रूप से बैंकों के माध्यम से द किया जाएगा। लेकिन अऋणी किसानों के लिए जागरूकता और शिविर अत्यंत आवश्यक हैं। इसके लिए बीमा सीएससी केंद्रों से भी कराया जा सकता है।
दस्तावेज जो किसान को देने होंगे
- नवीनतम आधार कार्ड
- नवीनतम भूमि प्रमाण पत्र (बी1/पी2)
- बैंक पासबुक की छायाप्रति
- फसल बुआई प्रमाण पत्र या स्व-घोषणा पत्र
- वैध मोबाइल नंबर
- बटाईदार/साझेदार किसानों के लिए घोषणा पत्र