BilaspurChhattisgarh

बच्चों के भविष्य से कोई समझौता नहीं: नव नियुक्त डीईओ विजय टांडे कहा.. पारदर्शिता और जिम्मेदारी हमारी पूंजी

बिलासपुर,..जिला शिक्षा विभाग के नए प्रमुख विजय टांडे ने पदभार संभालने के बाद स्पष्ट किया है कि शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता और पारदर्शिता लाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि बच्चों की पढ़ाई और भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।  हर निर्णय बच्चों के हित को ध्यान में रखकर लिया जाएगा।

जर्जर स्कूल भवनों की होगी पहचान, चलेगा मरम्मत अभियान

पत्रकारों से बातचीत के दौरान डीईओ विजय टांडे ने कहा कि उन्होंने अभी दो दिन पहले ही पदभार संभाला है, और जल्द ही पूरे जिले के स्कूल भवनों की स्थिति की जानकारी लेंगे।

“जिले में चाहे प्राइमरी स्कूल हों, मिडिल या हायर सेकेंडरी—हर स्कूल भवन की वास्तविक स्थिति का आकलन कर प्राथमिकता के आधार पर मरम्मत कार्य शुरू किए जाएंगे,” उन्होंने कहा।

उन्होंने यह भी बताया कि शासन से मिलने वाली मरम्मत राशि कई बार सीमित होती है, जिससे सिर्फ आंशिक काम हो पाता है, और शेष कार्य अधूरे रह जाते हैं।

“अब कोशिश रहेगी कि ऐसे अधूरे कार्यों को पूर्ण कर शासन से अतिरिक्त बजट की मांग की जाए,” उन्होंने जोड़ा।

युक्तियुक्तिकरण और संसाधन व्यवस्था की गहन समीक्षा होगी

डीईओ ने स्वीकार किया कि जिले के कई स्कूलों में युक्तियुक्तिकरण (Rationalization) के बाद भी संसाधनों और शिक्षकों की कमी बनी हुई है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि

“ऐसे विद्यालयों की सूची तैयार कर आवश्यकता पड़ने पर सर्वे भी करवाया जाएगा, ताकि सभी स्कूलों में बुनियादी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा सकें।”

मॉनिटरिंग होगी सख्त, जवाबदेही होगी तय

विजय टांडे ने कहा कि वह काम की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर विशेष जोर देंगे

“शासन यदि किसी कार्य की प्रगति रिपोर्ट या बजट उपयोगिता रिपोर्ट मांगता है, तो उसे सटीकता और समयबद्धता के साथ प्रस्तुत किया जाएगा। विभागीय मॉनिटरिंग को सख्ती से लागू किया जाएगा।”

शिक्षा से जुड़ी किसी भी समस्या में तुरंत कार्रवाई

बच्चों की पढ़ाई में किसी भी प्रकार की रुकावट को गंभीरता से लेने की बात करते हुए डीईओ ने कहा:

“चाहे वह भवन की मरम्मत हो, शिक्षक की उपलब्धता या पाठ्यपुस्तकों की आपूर्ति—हर आवश्यकता को समय रहते पूरा किया जाएगा। शिक्षा विभाग की प्राथमिकता सिर्फ ‘कार्यालयी आदेश’ नहीं, बच्चों के भविष्य को मजबूत बनाना है।”

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