india

“बंदूक छोड़ गया बाप, कलम थाम गया बेटा – इंजीनियर ने निभाया नक्सली पिता का अंतिम संस्कार”

रायपुर… छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद की अंधेरी राह चुनने वाले एक बड़े नक्सली नेता की मौत के बाद उसका बेटा, जिसने जिंदगी को मुख्यधारा से जोड़ा, समाज के लिए एक मिसाल बन गया है।

जानकारी के अनुसार, नक्सली विजय रेड्डी, दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य था और जिस पर अलग-अलग राज्यों में 90 लाख रुपये का इनाम घोषित था। हाल ही में मुठभेड़ में मारा गया। विजय रेड्डी ने अपने परिवार को तब छोड़ दिया था जब उसका बेटा रामकृष्ण महज 2 साल का था। नक्सल आंदोलन में शामिल होने के बाद उसने कभी पारिवारिक जिम्मेदारी नहीं निभाई।

वहीं, उसका बेटा रामकृष्ण, जो सिविल इंजीनियर है, मोहला-मानपुर पहुंचकर पिता का शव लेने आया और अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी निभाई। उसने कहा, “मुझे पिता की मौत का कोई दुख नहीं है, क्योंकि उन्होंने हमें कभी संभाला ही नहीं। उल्टा, वे ना जाने कितने बच्चों से उनके पिता का साया छीन चुके थे। फिर भी, बेटे का कर्तव्य निभाने आया हूं। पुलिस ने पूरा सहयोग किया।”

रामकृष्ण ने पढ़ाई पूरी कर मुख्यधारा में जीवन गढ़ा। उसका बड़ा भाई भी इंजीनियर है और फिलहाल बैंक में नौकरी करता है। पिता की बंदूक छोड़कर दोनों बेटों ने कलम और करियर को हथियार बनाया।

Back to top button