शिक्षा विभाग का दोहरा खेला…चहेतों को बचाने, आत्मानन्द के अतिशेष शिक्षकों का नहीं कराया युक्तियुक्तकरण…पढ़ें कलेक्टर ने क्या कहा..?
शिक्षा विभाग की मेहरबानी...जिले के 34 आत्मनन्द स्कूलों में सैकड़ों अतिशेष

बिलासपुर–बिलासपुर जिला समेत पूरे प्रदेश में युक्तियुक्तकरण की इन दिनों जमकर चर्चा है। खासकर प्रभावित शिक्षकों समेत विपक्षी दले के नेताओं में युक्तियुक्तकरम को लेकर गहरी नारजागी है। नाराज शिक्षकों ने शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया है। शिक्षकों के अनुसार युक्तियुक्तकरण की कार्रवाई से आत्मानन्द स्कूल को जानबूझकर अलग रखा गया है। जबकि जिले के 34 आत्मानन्द स्कूलों में सैकड़ों चहेते शिक्षक ना केवल बैठकर वेतन उठा रहे हैं। बल्कि प्रतिनियुक्ति की मलाई भी खा रहे हैं। कांग्रेस समेत नाराज शिक्षकों ने एलान किया है कि आत्मानन्द स्कूलों के शिक्षकों पर युक्तियुक्तकरण का एक्शन नहीं लिया गया तो अधिकारियों के खिलाफ उग्र आंदोलन करेंगे।
पूरे प्रदेश में युक्तियुक्तकरण की जमकर चर्चा है। युक्तियुक्तकरण की चर्चा नाराज शिक्षकों समेत खासकर विपक्षी नेताओं में ज्यादा है। जाहिर सी बात है कि हर पार्टी के लिए शिक्षक वर्ग बहुत बड़ा वोट बैंक है। एक बार फिर युक्तियुक्तकरण के कारण प्रभावित शिक्षकों की भौंहे तन गयी है। जानकारी देते चलें कि युक्तियुक्तकरण के बाद अतिशेष शिक्षकों ने नये ठिकाने को ज्वाइन भी कर लिया है। लेकिन आत्मानन्द स्कूल के अतिशेष शिक्षकों को देखकर प्रभावित शिक्षक गुस्से से भरे हुए हैं।
आत्मानन्द को रखा गया दूर
जानकारी हो कि युक्तियुक्तकरण के माध्यम से शासन की मंशा है कि स्कूलों में शिक्षकों के असामान्य वितरण को दुरूस्त किया जाए। प्रदेश के प्रत्येक स्कूल में विद्यार्थिोयं की संख्या के अनुपात में शिक्षक उपलब्ध कराए। संख्या से अधिक शिक्षकों को एकल या शिक्षक विहीन स्कूल भेजा जाए। ताकि बच्चों की पढ़ाई लिखाई का बेहतर संचालन हो। लेकिन शिक्षकों में ही चर्चा है कि प्रशासन ने जानबूझकर आत्मानन्द स्कूल को युक्तियुक्त करण से दूर रखा। ताकि चहेते शिक्षकों को युक्तियुक्तकरण की काली छाया से दूर रखा जा सके।
जिले में 34 और शहर में 12 आत्मानन्द स्कूल
जानकारी हो बिलासपुर जिले में कुल 34 आत्मानन्द स्कूल का संचालन किया जा रहा है। अकेले बिलासपुर शहर में आत्मानन्द स्कूलो की संख्या 12 है। पूरे जिले में चलने वाले आत्मानन्द स्कूलों में 4 विशुद्ध अंग्रेजी 12 हिन्दी और 18 विशुद्ध हिन्दी आत्मानन्द स्कूलों का संचालन होता है। सभी स्कूलों में प्रतिनियुक्त शिक्षकों को रखा गया है। इसके अलावा संविदा शिक्षक भी काम कर रहे हैं।
क्या कह रहे शिक्षा विभाग के अधिकारी
जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी ने बताया कि फिलहाल शासन ने आत्मानन्द स्कूल को युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया से दूर रखा है। यहां दो प्रकार के शिक्षक होते हैं। .यदि आत्मानन्द स्कूल मे युक्तियुक्तकरण नियम लागू किया गया तो व्यवस्था को खासा नुकसान होगा। इसका सीधा असर विद्यार्तियों पर पड़ेगा। इसलिए आत्मानन्द स्कूल पर अलग से दिशा निर्देश जारी किया जाएगा।
क्या कहते हैं जिला कलेक्टर संजय
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने बताया कि युक्तियुक्तकरण सभी स्कूलों के लिए लागू है। इसमें आत्मानन्द स्कूल भी शामिल हैं। निश्चित रूप से जिला शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी है कि इसका पता लगाए। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया का पालन कर अतिशेष शिक्षकों को हटाकर जरूरत के हिसाब से अन्य स्कूलों में भेजे। फिलहाल आत्मानन्द स्कूल में कितने अतिशेष शिक्षक हैं। जिला शिक्षा अधिकारी से जानकारी लेंगे।
अतिशेष की भरमार..सभी चहेते
जानकारी देते चलें कि जिले में कुल 34 आत्मानन्द स्कूल है। यहा सैकड़ों की संख्या में अतिशेष शिक्षक हैं। कमोबेश सभी शिक्षकों को जिला शिक्षा विभाग में बैठे आला अधिकारियों का आशीर्वाद हासिल है। यही कारण है कि युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से जिला शिक्षा के अधिकारियों ने सोची समझी रणनीति के तहत आत्मानन्द स्कूलों को दूर रखा है। दूर रखने की वजह को समझा जा सकता है। फिलहाल इस बात को लेकर प्रभावित शिक्षकों की नाराजगी कम होने का नाम नहीं ले रही है।
मुफ्त में उठा रहे वेतन
जानकारी हो कि ज्यादातर आत्मानन्द स्कूलों का संचालन संविधा शिक्षकों के भरोसे हो रहा है। बावजूद इसके आत्मानन्द स्कूल में प्रतिनियुक्त पर गए शिक्षक सिर्फ कुर्सी तोड़ रहे हैं।पढ़ाई लिखाई से इनका कोई नाता नहीं है। हर महीने विभाग में बैठे अधिकारियों की विशेष कृपा हासिल कर भारी भरकम वेतन उठा रहे हैं. ।