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युक्तियुक्तकरण पर कलेक्टर की पीसी,बताया: शिक्षकों का न्यायसंगत वितरण, बेहतर शिक्षा की ओर कदम

जिला शिक्षा अधिकारी अशोक पटेल ने बताया कि वर्ष 2025 के राज्य स्तरीय आँकड़ों के अनुसार कांकेर जिले में प्राथमिक स्तर पर छात्र-शिक्षक अनुपात 21.84 है तथा पूर्व माध्यमिक स्तर पर यह अनुपात 26.2 है।

कांकेर/कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने आज जिला कार्यालय के सभाकक्ष में राज्य शासन की शिक्षा नीति ‘युक्तियुक्तकरण’ को लेकर पत्रकारवार्ता आयोजित की। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुरूप पूरे प्रदेश में विद्यालयों एवं शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में छात्रों की तुलना में कहीं अधिक शिक्षक पदस्थ हैं, जबकि ग्रामीण एवं दूरस्थ अंचलों में शिक्षकों की भारी कमी है।

इसका सीधा असर विशेषकर विज्ञान, गणित और अंग्रेजी जैसे विषयों की शिक्षा पर पड़ रहा है। इसी असंतुलन को दूर करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने युक्तियुक्तकरण की नीति को लागू किया है।

 युक्तियुक्तकरण के प्रमुख उद्देश्य- शिक्षकविहीन एवं एकल-शिक्षकीय विद्यालयों में शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करना, एक ही परिसर में संचालित विद्यालयों का समायोजन कर संसाधनों का समुचित उपयोग, सभी विद्यार्थियों को विषय-विशेषज्ञ शिक्षक उपलब्ध कराना,विद्यालयों को बेहतर एवं सुरक्षित भवनों में स्थानांतरित कर प्रेरणादायी शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराना है।

इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी अशोक पटेल ने बताया कि वर्ष 2025 के राज्य स्तरीय आँकड़ों के अनुसार कांकेर जिले में प्राथमिक स्तर पर छात्र-शिक्षक अनुपात 21.84 है तथा पूर्व माध्यमिक स्तर पर यह अनुपात 26.2 है।

वर्तमान में जिले में प्राथमिक स्तर पर 168 और पूर्व माध्यमिक स्तर पर 257 शिक्षक अतिशेष के रूप में चिह्नित हैं।

श्री पटेल ने बताया कि कांकेर जिले के कुल 2441 विद्यालयों में से केवल 20 विद्यालयों का समायोजन किया गया है, जबकि 2421 विद्यालय यथावत संचालित रहेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कोई पद कटौती नहीं है, बल्कि गुणवत्ता, समानता और बाल-केंद्रित सुधार प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य प्रत्येक छात्र को सशक्त, समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है।

कलेक्टर ने आश्वस्त किया कि जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि इस प्रक्रिया से किसी भी छात्र की पढ़ाई प्रभावित न हो, बल्कि अब उन्हें और बेहतर शैक्षणिक वातावरण प्राप्त हो। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हरेश मण्डावी, शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी एवं विभिन्न मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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