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रतनपुर से साफ होंगे कोल चोर डिपो..प्रशासन का फरमान..लायसेंस रीनिवल पर लगा प्रतिबन्ध..अफऱा तफरी करने वालों पर होगी कार्रवाई

शासन का फरमान....कोयला कारोबारियों की गले की फांस

बिलासपुर—जमुना पाली बुड़बुड़ खदान ने कोयला कारोबारियों की चिंता को बढ़ा दिया है। शासन की गाइड लाइन के अनुसार खदान से 25 किलोमीटर हवाई दूरी के भीतर कोयला भण्डारण की अनुमति नहीं होगी। यदि पहले से कोयला डिपो संचालित है..तो लायसेंस का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। हां यदि कोयला डिपो संचालक अफरा तफरी करते पकड़ा गया तो  लायसेंस समय से पहले निरस्त कर दिया जाएगा। खनिज विभाग के एक आला अधिकारी ने बताया कि शासन का सख्त आदेश है कि 25 किलोमीटर हवाई दूरी वाले नियम का सख्ती से पालन किया जाएगा। 100 मीटर की गुंजाइश पर भी लायसेंस का नवीनीकरण संभव नहीं है। बहरहाल शासन के परमान से रतनपुर से सेंदरी तक कोयला प्लाट खोलकर बैठे डिपो संचालकों की धड़कने बढ़ गयी है। कई लोगों ने तो डिपो बचाने के लिए अभी से हाईफाई अप्रोच लगाना शुरू कर दिया है। जानकारी मिल रही है कि दिन रात कोयला चोरी में शामिल डिपो संचालकों के ठिकाने पर पुलिस कभी भी धावा बोल सकती है। 

            जमुनापाली बुडबु़ड़ खदान खुलने से अब रतनपुर वासियों को कोयला डस्ट से जल्द ही राहत मिलने वाली है। शासन की गाइडलाइन के अनुसार खदान से 25 किलोमीटर हवाई दूरी में कोयला भण्डारण की अनुमति नहीं होगी। जानकारी देते चलें कि खदान से 25 किलोमीटर की जद में सेन्दरी क्षेत्र भी आता है। ऐसी सूरत में शासन का फरमान रतनपुर बेलतरा,सेन्दरी समेत आस पास के गांव में डिपो खोलकर बैठे कोयला चोरों के लिए बज्रपात जैसा है। बताया जा रहा है कि अकेले रतनपुर क्षेत्र में आठ कोयला डिपो संचालित हैं..जिनका इस बार लायसेंस का नवीनीकरण संभव नहीं है।

 डिपो से कोयला चोरी का धंधा

 जानकारी देते चलें कि रतनपुर क्षेत्र में  इस समय करीब आठ कोयला डिपो संचालित हैं। सभी डिपो को भण्डारण का लायसेंस हासिल है। डिपो मालिक खुले बाजार से ज्यादा देर रात्रि परिवहन करने वाली गाड़ियों से सस्ते दर पर कोयला की चोरी करते हैंं। और वाहन में कोयला की जगह डोलोमाइट अपलोड कर देते हैं।

बताना जरूरी है कि पुलिस रिकार्ड के अनुसार कोयला चोरी का सर्वाधिक मामला रतनपुर में दर्ज है। स्थानीय थानेदारों से अच्छा रिश्ता होने के कारण डिपो संचालक हर बार सजा से बच निकलता है। बच निकलने की एक अन्य वजह कमोबेश सभी कोयला डिपो फर्जी नाम से संचालित हैं। डिपो का असली मालिक बेनाम होकर पर्दे के पीछे से रूपयों का खेल खेलता है।

किस डिपो पर गिरेगी कानूनी गाज

खनिज विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हाल फिलहाल रतनपुर में आठ कोयला डिपो पूरी तरस से सक्रिय है। इसमें गतौरी स्थित अरपा प्यूल प्रायवेट लिमिटेड के अलावा कोलमेन लाजिस्टिक इण्डिया प्रायवेट लिमिटेट डिपो भी है। इसी तरह पेण्डरवा में जगदम्बे कोल ट्रेडिंग, भाड़ी में जय अम्बे कोल बेनिफिकेशन, लिम्हा में कश्यप कोल डिपो,गतौरी स्थित बालाजी कोल ड्रेडर्स, सांघीपारा स्थित मां तारा कोल डिपो और मोहतराई स्थित रमाकांत मौर्य का कोल डिपो संचालित है। सभी पर कानूनी गाज गिरना निश्चित है।

कोल डिपो,मालिक और अवधि

  1. अरपा फ्यूल प्रायवेट लिमिटेड. स्थान गतौरी, मालिक राजकुमार लायसेंस अवधि 20 जनवरी 2027
  2. कोलमेन लॉजिस्टिक इंडिया स्थान गतौरी लायसेंस अवधि 8 नवम्बर 2025
  3. जगदम्बे कोल ट्रेडिंग मालिक ठाकुरदास कोटवानी स्तान पेण्डरवा अवधि 28 फरवरी 2026
  4. जय अम्बे कोलबेनिफिकेशन मालिक रामजीत सिंह स्थान भाड़ी.अवधि 20 अगस्त 2029
  5. कश्यप कोल डिपो मालिक शिव सहाय कश्यप,स्थान लिम्हा अवधि 6 दिसम्बर 2025
  6. बालाजी कोल ट्रेडर्स मालिक दिलीप कुमार ध्रुव स्थान,गतौरी अवधि3 अक्टूबर 2028
  7. तारा ट्रेडर्स मालिक सूर्यप्रकाश गुप्ता स्थान सांघीपारा अवधि 28 जुलाई 2026
  8. रमाकान्त मौर्य कोल डिपो..मालिक रमाकान्त, स्थान मोहतराई अवधि16 सितम्बर 2025

रतनपुर वासियों में खुशी

 रतनपुर क्षेत्र से कोयला डिपो हटने की जानकारी के बाद स्थानीय लोगों में खुशी है। गणमान्य लोगों ने बताया कि कोयला डिपो का लायसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया जाना चाहिए। रात दिन कोयला चोरी का खेल पुलिस संरक्षण में चलता है। बाहरी मजदूर कोयला डिपो की आड़  मे अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं। आए दिन मारपीट की खबर मिलती है। कोयला डिपो संचालकों ने धर्मनगरी को कोयला नगरी बनाकर रखा दिया है। क्षेत्र में हत्या अपहरण और बलात्कार जैसी घटना के लिए कोयला डिपो जिम्मेदार हैं। चूकी डिपो गरीब के नाम पर संचालित होता है..इसलिए पैसे वाले हर बार बच निकलते है।

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