summer health care tips – गर्मियों में बढ़ते पित्त दोष से कैसे पाएं राहत: आयुर्वेदिक डाइट और देसी नुस्खों से करें कंट्रोल
गर्मियों के मौसम में पित्त बढ़ने की समस्या होना आम परेशानी है। कुछ लोगों के साथ ऐसा ज्यादा होता है क्योंकि उन्हें पित्त दोष होता है। पित्त बढ़ जाए, तो उससे पाचन की समस्या, स्किन प्रॉब्लम्स और अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। इसके लिए आप अपनी डाइट में कुछ बदलाव कर सकते हैं ताकि स्वस्थ रहें।

summer health care tips -गर्मी के मौसम में शरीर के अंदर बढ़ती गर्मी का सबसे बड़ा असर हमारे पाचन तंत्र और त्वचा पर पड़ता है, और इसकी मुख्य वजह होती है – पित्त दोष का असंतुलन। आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में तीन प्रमुख दोष होते हैं – वात, पित्त और कफ। गर्मियों में पित्त दोष सबसे अधिक सक्रिय होता है, जिससे पेट में जलन, सीने में जलन, स्किन पर लाल चकत्ते और पिंपल्स जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं।
summer health care tips -पित्त दोष का बढ़ना सीधे तौर पर हमारे खानपान और लाइफस्टाइल से जुड़ा होता है, जिसे आयुर्वेदिक उपायों से आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।
summer health care tips -पित्त बढ़ने का प्रमुख कारण शरीर में जल तत्व की कमी और तेज, गरम प्रकृति वाले खाद्य पदार्थों का सेवन होता है। गर्मी के मौसम में लोग अधिक मसालेदार, नमकीन और मीठी चीजों का सेवन करते हैं, जिससे शरीर में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। गर्मियों में पित्त का बढ़ना एक आम लेकिन नजरअंदाज की जाने वाली समस्या है जिसे संतुलित डाइट और नियमित दिनचर्या से रोका जा सकता है।
summer health care tips -अगर आप गर्मियों में पित्त बढ़ने की समस्या से जूझ रहे हैं तो सबसे पहले अपने खानपान पर ध्यान देना जरूरी है। ठंडी तासीर वाले फूड्स जैसे खीरा, ककड़ी, तरबूज, खरबूजा और नारियल पानी पित्त को संतुलित करते हैं। सौंफ का पानी, खस का शरबत और गुड़ का पानी भी शरीर को ठंडक प्रदान करते हैं और पाचन तंत्र को शांत करते हैं।
हल्का और सुपाच्य भोजन जैसे मूंग दाल, दलिया, चावल, छाछ और दही दिन के समय में लेना पाचन के लिए फायदेमंद होता है। हरी सब्जियां जैसे लौकी, परवल, तुरई और टिंडा भी पित्त को कम करने में मददगार हैं। साथ ही बेल का शरबत, कच्चे आम का पन्ना, एलोवेरा जूस और अलसी का काढ़ा भी पित्त संतुलन में असरदार हैं।
पित्त दोष को बढ़ाने वाले फूड्स से दूरी बनाना बेहद जरूरी है। मिर्च-मसालेदार और तली हुई चीजों का सेवन करने से बचें। ज्यादा चाय, कॉफी और गर्म दूध भी इस मौसम में हानिकारक हो सकते हैं। नींबू, संतरा जैसे खट्टे फल, रेड मीट, शराब और धूम्रपान से पूरी तरह दूरी बना लेनी चाहिए। दिन में सोने की आदत भी पाचन प्रणाली को प्रभावित करती है और पित्त को असंतुलित करती है।
आयुर्वेदिक उपायों की बात करें तो सुबह के समय त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लेना शरीर को अंदर से डिटॉक्स करता है। नाभि पर नारियल तेल लगाने से शरीर की गर्मी कम होती है। दिन में एक बार किसी भी ठंडे लिक्विड का सेवन और नियमित व्यायाम पित्त को बैलेंस करने में बेहद कारगर साबित होते हैं।