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वित्त मंत्री ओपी चौधरी को भेजेंगे प्रस्ताव…राज्य योग आयोग अध्यक्ष सिन्हा ने बताया…योग को शिक्षा कैलेन्डर में कराएंगे शामिल

योग आयोगः बजट कम..काम ज्यादा...चुनौती स्वीकार...सिन्हा

बिलासपुर—राज्य योग आयोग की जिम्मेदारी संभालने के बाद पहली योग आयोग अध्यक्ष रूप नारायण सिन्हा बिलासपुर प्रवास पर पहुंचे। इसे दौरान उन्होंने संगठन पदाधिकारियों को संबोधित और पत्रकारों से संवाद किया। उन्होने योग के प्रकार और मानव जीवन में इसकी जरूरत पर प्रकाश डाला। सिन्हा ने कहा कि काम काज ही योग है…लेकिन यह परिभाषा अब पुरानी हो चुकी है। समय के साथ जीवन पद्धति में बदलाव हुआ है। ऐसा होना समय की मांग भी है। लेकिन श्रम साधना का काम पीछे छूटता जा रहा है। ऐसी सूरत में मानव जीवन में योग का महत्व बढ़ जाता है। योग विशुद्ध भारतीय परम्परा है। इसका किसी धर्म से कोई लेना देना नहीं है। योग से मन वचन कर्म पवित्र हो जाता है..। महत्व को समझते हुए ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयास से यूनेस्कों ने 2014 में 21 मई को विश्व योग दिवस मनाए जाने का एलान किया। आज पूरा विश्व योग विधा का ना केवल लाभ उठा रहा है। बल्कि भारत से कहीं ज्यादा विदेशों में योग को गंभीरता से लिया जा रहा है। 

योग आयोग अध्यक्ष की जिम्मेदारी लेने के बाद राज्य योग आयोग प्रमुख रूप नारायण सिन्हा पहली बार बिलासपुर प्रवास पर पहुंचे। भाजपा नेता श्याम जी पटेल के निवास पर सिन्हा ने संगठन  पदाधिकारियों को संबोधित किया। पत्रकारों से संवाद कर योग के महत्व और जरूरत के बारे में बताया। उन्होने कहा चुनौती बड़ी है। लेकिन सरकार के विश्वास पर खरा उतरने के लिए कोई कोर कसर भी नहीं छोड़ूंगा।

21 मई को विश्व योग दिवस

योग आयोग अध्यक्ष ने बताया कि साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयास से यूनेस्कों ने 21 मई को विश्व योग दिवस मनाने का एलान किया। सिन्हा ने जानकारी दिया कि पिछली सरकार ने योग के विकास पर काम किया। लेकिन इसका विस्तार गांव तक नहीं हुआ। अब सरकार ने योग को गांव के अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री के भरोसे पर खरा उतरने का प्रयास करूंगा।

वित्त मंत्री ने किया सहयोग का वादा

सवाल जवाब के दौरान सिन्हा ने बताया कि योग आयोग का बजट बहुत ही कम है। जबकि योग आयोग के पास जिम्मेदारी बहुत बड़ी है। इस बात की चिन्ता को वित्त मंत्री ओपी चौधरी के सामने जाहिर कर चुके हैं। उन्होने वादा किया है कि क्या कुछ करना है..इसका प्रस्ताव तैयार कर भेंजे। योग आयोग को आर्थिक परेशानी का नहीं होने देंगे।

शिक्षा कैलेन्डर में करेंगे शामिल

 अन्य दिवस की तरह क्या योग दिवस का भी हश्र होगा.. सिन्हा ने बताया कि भागती आज की दुनिया में योग की प्रांसगिकता ज्यादा है। योग विशुद्ध भारतीय परम्परा है। या ना केवल शरीर को स्वस्थ्य करता है। बल्कि मन चित्त को एकाग्र भी रखता है। यही कारण है कि आज भारत से कहीं ज्यादा पश्चिमी देशों में योग को महत्व दिया जा रहा है। सिन्हा ने जानकारी दिया कि हमारा प्रयास रहेगा …कि मुख्यमंत्री के सामने रूपरेखा पेश कर योग को शिक्षा कैलेन्डर में शामिल करें। योग्य योग शिक्षक की भर्ती करें। योग विधा को को शहर से निकाल कर गांव तक विस्तार करें। बहरहाल हमने प्रदेश के सभी संभाग में योग मुख्यालय खोलने का भी प्रस्ताव तैयार किया है। प्रस्ताव जल्द ही शासन के सामने रखेंगे। योग ट्रैनर की भी व्यस्था करेंगे.शिक्षा में शामिल होने के बाद बेशक 21 मई की प्रासंगिकता रहेगी…लेकिन शिक्षा कैलेण्जर में शामिल होने से योग का लाभ एक एक बच्चे को मिलेगा। योग दैनिक दिनचर्या में शामिल हो जाएगा। मतलब योग आदत में शुमार हो जाएगा।

घर घर पहुंचाएंगे पतंजलि का योग

 सिन्हा ने बताया कि हम अपनी टीम लगातार तैयार कर रहें है।  हमें अपनी टीम पर पूरा भरोसा होगा कि हम पतंजति के योग को एक एक घर तक पहुंचाएंगे। इस दौरान योग अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि योग का किसी धर्म या पंथ से नाता नहीं है। इसका नाता सिर्फ स्वस्थ तन और स्वस्थ्य मन से है। इस बात को स्वामी विवेकानन्द भी स्पष्ट किया है।

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