न्यायमित्रों की चौंकाने वाली रिपोर्ट…सड़क दुर्घटना में 6752 लोगों की मौत…कोर्ट सचिव ने मांगा परिवहन सचिव से हलफनामा
दो साल में 18501 सड़क हादसा, 12918 की मौत

बिलासपुर—न्यायमित्रों नेकोर्ट के सामने चौंकाने वाला रिपोर्ट रखा है। साल 2023 एवं 2024 के बीच प्रदेश में सड़क दुर्घटना में 6752 लोगों की मौत हो गयी है। सड़क दुर्घटनाओं को लेकर चल रही जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस की डीबी में शामिल दूसरे जस्टिस विभु दत्त गुरु ने एक्सेप्शन ले लिया है। इसकी वजह से सुनवाई को आगे बड़ा दिया गया है। सड़क दुर्घटना को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई अब नये सिरे से डिवीजन बेंच में शुरू होगी।
पिछले कुछ माह में प्रदेश में अलग अलग इलाकों में बड़ी सड़क दुर्घटनाएं हुईं हैं। पिकअप वैन नहर में गिरने से पांच आदिवासियों की मौत का मामला और दूसरे कई मामले सामने आये हैं। सड़क हादसों की खबर जब तब समाचार पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती है। मामलों को संज्ञान में लेते हुए हाईकोर्ट ने जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने रवींद्र शर्मा और अपूर्व त्रिपाठी को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया।
रवींद्र शर्मा ने 28.अप्रैल .2025 को मेमो दाखिल कर बताया था कि, विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित खबरें संलग्न हैं। रिपोर्ट के अनुसार जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। न्यायमित्र ने छत्तीसगढ़ राज्य में वर्ष 2023 और 2024 के बीच सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े भी पेश किए। बताया कि 2023 में 13,468 दुर्घटनाएं, 6,166 मौतें, 11,723 घायल हुए है। इसी तरह 2024 में 14,853 दुर्घटनाएं, 6,752 मौतें, 12,573 घायल हुए है। दुर्घटनाओं में 10.28 प्रतिशत मौतों में 9.50 प्रतिशत और घायलों में 7.25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है रायपुर, दुर्ग, जांजगीर, सक्ती और मुंगेली जिलों में पहचाने गए ’’ब्लैक स्पॉट’’ के ठीक नही होने पर भी ध्यान नहीं दिया गया है।
मामले में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस विभुदत्त गुरु की डिवीजन बेंच में जब सुनवाई शुरू हुई तो जस्टिस गुरु ने अपनी ओर से एक्सेप्शन पेश किया। बताया कि पूर्व में एक पक्षकार का अधिवक्ता रह चुके हैं। इसलिए प्रकरण पर सुनवाई रोक दी गई। अब नये सिरे से दूसरी डीबी में सुनवाई होगी।
परिवहन सचिव से माँगा था हलफनामा
छत्तीसगढ़ राज्य के परिवहन विभाग के सचिव को कोर्ट कमिश्नर रवींद्र शर्मा ने दायर दस्तावेजों के संबंध में व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने को कहा। न्यायमित्रों की रिपोर्ट के अनुसार 2023-24 के सड़क दुर्घटना आंकड़ों से पता चलता है कि स्ट्रीट लाइट की अनुपलब्धता, खराब सड़कों और सड़क किनारे आवारा पशुओं के कारण दुर्घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है। इससे मानव जीवन और आवारा पशुओं दोनों को नुकसान हुआ है।