Bilaspur

दशहरा से पहले सियासी टकराव… जेल भी जाएँगे, लेकिन रावण दहन वहीं करेंगे.. अरपांचल लोक मंच का खुला चैलेंज

बिलासपुर….न्यायधानी बिलासपुर में इस बार दशहरा पर्व से पहले ही रावण दहन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। वर्षों से सरकंडा स्थित साइंस कॉलेज मैदान में रावण दहन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने वाली अरपांचल लोक मंच समिति को प्रशासन द्वारा अनुमति न देने से असंतोष फैल गया है। मैदान का आवंटन इस बार सिद्धार्थ भारती नामक व्यक्ति को कर दिए जाने से मंच के पदाधिकारी नाराज हैं और उन्होंने इसे “द्वेषपूर्ण एवं दबाव की राजनीति” करार दिया है।

सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में अरपांचल लोक मंच के अध्यक्ष सिद्धांशु मिश्रा ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मंच ने समय रहते आवेदन प्रस्तुत किया था, बावजूद इसके कॉलेज प्रबंधन और प्रशासन ने दूसरे आवेदन को स्वीकार कर दिया। मिश्रा ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए कहा, “हम वर्षों से सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करते आए हैं, लेकिन इस बार बिना उचित कारण मैदान किसी और को दे दिया गया। यह प्रशासन और पुलिस की दबाव में की जा रही कार्रवाई है। दबाव डालने वाला चेहरा जल्द ही सामने लाया जाएगा।”

मिश्रा ने स्पष्ट शब्दों में कहा,
“भले ही जेल जाना पड़े, लेकिन रावण दहन वहीं करेंगे। हम प्रशासन की एकतरफा कार्रवाई को स्वीकार नहीं करेंगे। आवश्यकता पड़ी तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे और बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला से भी मुलाकात करेंगे।”

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि यदि पहले आवेदन स्वीकार किया गया था तो कॉलेज प्रबंधन ने दूसरा आवेदन क्यों स्वीकार किया। मिश्रा ने इसे “लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन” बताया और चेतावनी दी कि संघर्ष तेज किया जाएगा। सवाल जवाब के दौरान सिद्धांशु मिश्रा ने कहा कि यदि रावण जलाने की नहीं दी गई तो और सरकण्डा क्षेत्र के सभी आस्थावान लोग मिलकर सर्व हिंदू समाज के बैनर तले।  बहुत बड़ा आंदोलन करेंगे। इसके लिए सीधे तौर पर प्रशासन जिम्मेदार होगा।

वहीं प्रशासन ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। अब सवाल यह है कि क्या परंपरा को बनाए रखने के लिए अरपांचल लोक मंच को अनुमति दी जाएगी या मैदान में नया आयोजनकर्ता रावण दहन करेगा। आने वाले दिनों में इस विवाद का समाधान किस दिशा में होगा, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं।

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