Bilaspur

ना मान,ना एहतराम…भगदड़ बनकर रह गया शपथ ग्रहण समारोह…पुराने महापौर और सभापतियों को भी नहीं बुलाया गया

भाजपा पूर्व मेयर वाणी राव, किशोर राय नजर नहीं आए...बुलाए नहीं गए रामशरण, राजेश और नजरूद्दीन

बिलासपुर—सत्तर पार्षदों समेत नव निर्वाचित मेयर ने गरिमामय अव्यवस्था के बीच शपथ लिया। और मंच को छोड़कर बाकी सभी लोगों ने समारोह की अव्यवस्था को ग्रहण लिया। समारोह की सबसे बड़ी नव निर्वाचित मेयर एल पद्मजा ने बिलासपुर निगम सरकार के इतिहास पहली बार  दो मिनट के अन्तराल में दो बार शपथ लिया। पार्षदों ने क्या कहा.. शपथ ग्रहण समारोह में बुलाए गए भीड़ को समझ ही नहीं आया। आने वाले समय में शपथ ग्रहण समारोह को इसलिए भी याद रखा जाएगा कि कार्यक्रम के आयोजक किसी राजनीति पार्टी से कहीं ज्यादा राजनीतिक समझ रखते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए किसी भी पूर्व मेयर और सभापति को कार्यक्रम से दूर रखा। यहां तक कि निवर्तमान मेयर और सभापति को भी बुलाना उचित नहीं समझा।

 मुंगेली नाका स्थित ग्रीन गार्डन में भव्य अव्यवस्था के बीच प्रशासन ने नव निर्वाचित निगम सरकार के पार्षदों समेत मेयर शपथ ग्रहण समारोह का आओजन किया। हमेशा यद्यपि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को भी शामिल होना था। लेकिन स्वास्स्थ्यगत कारणों से मुख्यमंत्री कार्यक्रम  में शामिल नहीं हुए।  अन्यथा आयोजकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता।

   कार्यक्रम में बैठक व्यवस्था के नाम पर सिर्फ अव्यवस्था ही अव्यवस्था देखने को मिला। पत्रकार भटकते रहे..या फिर उन्हें बनाए गए मीडिया जोन में जाने नहीं दिया गया। गणमान्य लोगों की व्यवस्था के बीच में हमेशा की तरह भाजपा के कार्यकर्ता बैठे नजर आए। बुलाए गए गणमान्य लोग इधर उधर व्यवस्था को कोसते हुए घूमते रहे।

 भाजपा के ही एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि अच्छा होता कि कार्यक्रम आयोजक पिछली बार की शपथ ग्रहण समारोह व्यवस्था के बारे में पता लगा लिया होता। तो शायद आज जैसी अराजक स्थिति नहीं होती।  भाजपा नेता ने बताया कि पिछली बार शपथ ग्रहण समारोह में ना केवल तत्कालीन निवर्तमान मेयर और सभापति को कार्यक्रम में बुलाया गया था। बल्कि उन्हें मंच भी दिया गया था। इसके अलावा इसके पहले के मेयर और सभापतियों को भी न्योता भेजा गया था।

इस बार आयोजकों ने मंच देना तो दूर…किसी भी पुराने मेयर या सभापति को आमंत्रित नहीं किया। पुराने मेयर और सभापति तो दूर की बात…निवर्तमान मेयर और सभापति को भी न्योता नहीं दिया। अच्छा होता उन्हें  बुलाया जाता…मंच  ना सही लेकिन मंच के सामने सम्मानित दर्शक दीर्घा में स्थान दिया जाता। सच तो यह हैअधिकारियों ने सरकार को खुश करने के लिए निवर्तमान मेयर और सभापति को दूर तो रखा…..भाजपा के ही पुराने किसी भी मेयर को आमंत्रित नहीं किया।

जानकारी देते चलें कि बिलासपुर की पहली महिला मेयर वाणी राव और किशोर राय भाजपा के नेता है। बावजूद इसके दोनों को  कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया। ऐसे में राजेश पाण्डेय, निवर्तमान मेयर रामशरण यादव, सभापति शेख नजरूद्दीन को बुलाने के सवाल ही नहीं उठता है। लेकिन आयोजकों ने ऐसे लोगों को मंच दिया जिन्हें सही मायनों में मंच के सामने होना चाहिए था। इस बात को लेकर राजनीतिक हलके में जमकर चर्चा है।

भाजपा नेता ने बताया कि कटुता चुनाव तक रहती है इसके बाद हम सब एक है..क्योंकि हमारा सुख दुख सब कुछ साझा है। सच तो यह है कि बिलासपुर के अधिकारी राजनेताओं से ज्यादा अच्छी राजनीति करते हैं।

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