Health Service in Chhattisgarh- सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर हाईकोर्ट सख्त, रायपुर एम्स में मरीजों को 48 घंटे इंतजार

Health Service in Chhattisgarh-छत्तीसगढ़ की सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की बिगड़ती हालत पर हाईकोर्ट ने गहरी नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने रायपुर एम्स से लेकर बिलासपुर और अन्य जिलों के अस्पतालों में व्याप्त अव्यवस्था को गंभीर चिंता का विषय बताया।
चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने मीडिया रिपोर्ट्स को जनहित याचिका के रूप में लेते हुए सुनवाई की, जिसमें खुलासा हुआ कि रायपुर एम्स में डॉक्टर से मिलने के लिए मरीजों को रजिस्ट्रेशन के बाद करीब 48 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है।
मामले में हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य की बड़ी आबादी महंगे निजी अस्पतालों का खर्च वहन नहीं कर सकती और सरकारी अस्पताल ही उनकी एकमात्र उम्मीद हैं। ऐसे में वहां की लापरवाही और अव्यवस्था बेहद चिंताजनक है।
कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि बिलासपुर के कई अस्पतालों में डॉक्टर समय पर नहीं पहुंचते, जिससे मरीज घंटों कतार में खड़े रहते हैं। यहां तक कि एक्स-रे जैसी साधारण जांच के लिए भी तीन-तीन घंटे इंतजार करना पड़ता है, जबकि सर्जरी के लिए मरीजों को जांच के बाद चार महीने तक की देरी झेलनी पड़ रही है।
हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए। कोर्ट के सामने यह तथ्य आया कि गर्भावस्था जांच किट गलत परिणाम दे रही हैं, घटिया गुणवत्ता की सर्जिकल सामग्री और दवाएं आपूर्ति की जा रही हैं और कुछ जीवन रक्षक दवाएं लैब परीक्षण में फेल होने के बावजूद बाजार में बिक रही हैं।
बिलासपुर जिले के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का जिक्र करते हुए कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड में 15 डॉक्टर दर्ज थे, लेकिन सुबह 11 बजे तक कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था।
250 से अधिक मरीज इंतजार करते रहे, जबकि एक्स-रे यूनिट जैसी महत्वपूर्ण मशीनें एक साल से अधिक समय से बंद पड़ी थीं और रीएजेंट की कमी से हमर लैब भी ठप पड़ी थी।